इजरायल और हमास के बीच 15 महीने के इजरायली आक्रमण के बाद आज रविवार से युद्धविराम समझौता लागू हो रहा है। इज़रायली कैबिनेट द्वारा युद्ध विराम समझौते की पुष्टि के बाद, गाजा में इस बात की पुष्टि की गई कि समझौते को पूरी तरह लागू किया जाएगा।
इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि सरकार ने बंधकों को वापस करने की योजना को भी मंजूरी दे दी है। यह युद्धविराम समझौता मध्य पूर्व के लिए शांति की नई संभावनाओं को खोल सकता है।
इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक इजरायल को 33 बंधकों की सूची नहीं मिल जाती, तब तक समझौता आगे नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो इजरायल के पास लड़ाई फिर से शुरू करने का अधिकार सुरक्षित है।
युद्धविराम समझौते के बाद अपने पहले भाषण में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमने मध्य पूर्व का चेहरा बदल दिया है। हमारे भाई-बहन अपने घर लौट रहे हैं और उनमें से अधिकांश जीवित हैं, यह सब इजरायल के नज़रिये के कारण ही संभव हो पाया है।
इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक इजरायल को 33 बंधकों की सूची नहीं मिल जाती, तब तक समझौता आगे नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो इजरायल के पास लड़ाई फिर से शुरू करने का अधिकार सुरक्षित है।
यह युद्धविराम समझौता फिलिस्तीन में महीनों से चल रहे रक्तपात को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो न केवल इजरायल के लिए बल्कि मध्य पूर्व के लिए भी शांति की नई संभावनाओं को खोल सकता है।
इज़रायली सेना ने अपने बयान में कहा कि इज़रायली सेना गाजा के विभिन्न भागों में तैनात रहेगी, तथा सेना के पास जाना ख़तरा पैदा कर सकता है।
इज़रायली सेना के अनुसार इज़रायली क्षेत्र या ख़तरनाक बफर ज़ोन में प्रवेश करना सख़्ती से प्रतिबंधित है। सैन्य अभियानों के कारण नेत्ज़ारिम रोड पर यात्रा करने से बचना चाहिए।इज़रायली बलों ने राफा क्रॉसिंग, फिलाडेल्फिया कॉरिडोर और गाजा तट की यात्रा न करने की भी सलाह दी है।
गौरतलब है कि यह युद्धविराम समझौता अक्तूबर, 2023 से चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ की तरह देखा जा रहा है। आने वाले दिन में यह यह साफ हो सकेगा कि यह युद्धविराम स्थायी शांति की ओर ले जाएगा या नहीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इन इलाक़ों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। इजरायल के हमलों में अभी तक 46,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इस युद्ध में गाजा का ज्यादातर हिस्सा तबाह हो चूका है। ऐसे में युद्धविराम को मौजूदा मानवीय संकट के समय शांति बहाल करने की उम्मीद से देखा जा रहा है।