लखनऊ । नोटबंदी को एक महीने से अधिक हो चुका है,नोट बंदी के बाद 15 दिनों तक मुसीबत की बात तो आम थी लेकिन धीरे धीरे अब जनता का धैर्य जबाब देना शुरू कर कर दिया है। इतना झेलना पड़ रहा आम आदमी को, जिसको सहने की हिम्मत धीरे -धीरे बहुत ही ख़त्म होती जा रही हैं। लंबी -लंबी लाइन के बाद भी पैसे का ना मिलना बहुत ही कष्ट देता हैं। और जब सरकारी छुट्टियों की बारी आती हैं तब जनता और बौखला जाती हैं क्योकि बैंक के खुले रहने पर भी पैसे नहीं मिल पाते । एक तरफ जहाॅ नोट छापने वालें जिम्मेदारों ने इस मुहिम को धक्का लगाया है। cashless village
वही बैंक भी इसके लिए कम जिम्मेदार नही है। यही नही प्रवर्तन निदेशालय इस तरफ भी ध्यान नही दिया जा रहा है कि बड़े बड़े लोगां एवं व्यापारियों ने जिस समय चौबीस -चौबीस हजार बैंक निकासी दे रहा था उस समय आदमी लगाकर दो हजार एवं पाॅच सौ के नोट जमा कर लिये और इसी जमाखोरी के चक्कर में आम आदमी तक नोट पहुंच नही पा रहे और पुरानी करेंसी का खेल अन्दर ही अन्दर बड़े व्यापारी खेल रहे है। cashless village
सप्ताह में दो हजार या चार हजार पाने वाले खाता धारकों के लिए बैंक के बंद होने के बाद जो मुसीबत बढ़ती हैं वो आग में घी का काम करती हैं । मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सोची समझी योजना के एक अनुमान के मुताबिक अब तक इस फैसलें की सराहना करने वाले लगभग 40 प्रतिशत लोग इस फैसले की बुराई करते नजर आ रहे हैं । वही एक उम्मीद जगाई हैं बैंक ऑफ़ बडौदा ने जिन्होंने लखनऊ जनपद के अंतर्गत फरीदपुर गाँव, गोसाईगंज को जनपद का पहला कैशलेस गाँव बनाने की शुरुआत किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मयंक मेहता, कार्यकारी निदेशक एवं बी एस ढाका, अंचल प्रमुख, लखनऊ अंचल द्वारा प्रदीप श्रीवास्तव, उप महाप्रबंधक, लखनऊ क्षेत्र की अध्यक्षता में किया गया ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बैंक ऑफ़ बडौदा गोसाईगंज एवं क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ की टीम द्वारा पिछले एक सप्ताह से गाँव के सभी परिवार के बचत खाता खोलकर उनके खातों में आधार सीडिंग, मोबाइल फीडिंग एवं रुपे कार्ड का वितरण किया गया। साथ ही साथ गाँव के सभी किसानों को बडौदा किसान क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किया गया एवं पूर्ववर्ती 15 किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को स्मार्ट मोबाइल फ़ोन के क्रय के लिए ऋण भी प्रदान किया गया । इसके अलावा गाँव में स्थित 6 छोटे दुकानदारों का भी खाता खोलकर POS मशीन के लिए आवेदन पत्र प्राप्त किये गए ।
पूर्व में भी बैंक ऑफ़ बडौदा की टीम द्वारा गाँव के लोगों के लिए डिज़िटल साक्षरता हेतु शिविर का आयोजन किया गया था एवं बैंक ऑफ़ बडौदा के विभिन्न डिज़िटल सेवा (एप) जैसे एम-कनेक्ट, एम-क्लिप, एम-पे इत्यादि भी गाँव के लोगों के मोबाइल पर डाउनलोड कर उनका सुरक्षित उपयोग करने हेतु प्रशिक्षण किया गया एवं ई-माध्यम से की जाने वाली भुगतान सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया गया । इस कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधान उमेश कुमार यादव, बैंक व्यवसाय प्रतिनिधि जगरूप सिंह एवं ग्रामवासियों द्वारा उत्साहपूर्वक सहभागिता की गई एवं गाँव को कैशलेस बनाने हेतु प्रयासरत रहने का संकल्प लिया गया । cashless village