इलाहाबाद, इलाहाबाद के बाहुबली अतीक अहमद सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज. यूपी के इलाहाबाद के धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. एक प्रॉपर्टी डीलर ने बाहुबली अतीक, उसके भाई अशरफ और उनके गुर्गों के खिलाफ मारपीट, धमकी देने, अपहरण करने की कोशिश करने का केस दर्ज हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, 12 मई 2016 को आरोपियों ने प्रॉपर्टी डीलर मकबूल अहमद के बेटे अशरफ को कचहरी के सामने से अगवा करने की कोशिश की थी. पूर्व सांसद अतीक अहमद को कॉल करके फोन से बात करने को कहा था. इस मामले में केस दर्ज कराने पर आरोपियों ने उन पर दबाव बनाया.
मकबूल का आरोप है कि एक जून को वह नमाज पढ़कर निकले तो दबंगों उन्हें अगवा कर लिया. एक दुकान में ले जाकर पहले से तैयार एक शपथपत्र पर जबरदस्ती साइन कराया. पीड़ित को धमकी दी गई थी कि यदि उसने दोबारा केस किया, तो उसे जान से मार दिया जाएगा, जिससे वह डर गया था.
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था. मूलत वह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले है. पढ़ाई लिखाई में उनकी कोई खास रूचि नहीं थी. इसलिये उन्होंने हाई स्कूल में फेल हो जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. कई माफियाओं की तरह ही अतीक अहमद ने भी जुर्म की दुनिया से सियासत की दुनिया का रुख किया था. पूर्वांचल और इलाहाबाद में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में उनका नाम आया था.
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही अतीक अहमद के खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था. और वो मुकदमा था हत्या का. बात 1979 की है जब 17 साल की उम्र में अतीक अहमद पर कत्ल का इल्जाम लगा था. उसके बाद अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल दर साल उनके जुर्म की किताब के पन्ने भरते जा रहे थे.
1992 में इलाहाबाद पुलिस ने अतीक अहमद का कच्चा चिट्ठा जारी किया था. जिसमें बताया गया था कि अतीक अहमद के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद ही नहीं बल्कि बिहार राज्य में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूली आदि के मामले दर्ज हैं. अतीक के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले इलाहाबाद जिले में ही दर्ज हुए. उपलब्ध आकड़ों के अनुसार वर्ष 1986 से 2007 तक ही उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले केवल गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किए गए.
अपराध की दुनिया में नाम कमा चुके अतीक अहमद को समझ आ चुका था कि सत्ता की ताकत कितनी अहम होती है. इसके बाद अतीक ने राजनीति का रुख कर लिया. वर्ष 1989 में पहली बार इलाहाबाद (पश्चिमी) विधानसभा सीट से विधायक बने अतीक अहमद ने 1991 और 1993 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और विधायक भी बने. 1996 में इसी सीट पर अतीक को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया और वह फिर से विधायक चुने गए.
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