एक नए अध्ययन से पता चलता है कि नल के पानी और सैकड़ों रोजमर्रा की वस्तुओं में मौजूद आम “फॉरएवर केमिकल्स” कैंसर कोशिकाओं का कारण बन सकते हैं। यह पूरे शरीर में तेजी से फैलता है जिससे बीमारी का इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
कई अध्ययनों में यह बताया गया है किपीएफए यौगिकों को कई प्रकार के कैंसर से जोड़ा गया है, लेकिन शोधकर्ताओं को अब पता है कि इन यौगिकों का रोग के प्रसार के साथ भी महत्वपूर्ण संबंध हो सकता है।
येल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में देखा कि जब पीएफई को कोलन कैंसर कोशिकाओं के संपर्क में लाया गया, तो मेटास्टेसिस के विशिष्ट लक्षण दिखाई दिए। मेटास्टेसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कैंसर कोशिकाएं शरीर के विभिन्न हिस्सों में चली जाती हैं।
शरीर में कोशिकाओं के फैलने से विशेषज्ञों की चिंता बढ़ जाती है क्योंकि कैंसर के फैलने से इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
‘Forever chemicals’ could accelerate cancer progression, a new study has foundhttps://t.co/8IlyidJj3s
— Euronews Green (@euronewsgreen) December 21, 2023
अध्ययनों से यह पता चला है 97 प्रतिशत अमरीकियों के खून में
स्पष्ट मात्रा में पीएफई रासायनिक रूप से मौजूद हैं। ये रसायन पर्यावरण में लगभग हर जगह मौजूद हैं क्योंकि इन्हें ख़त्म करना लगभग असंभव है और इसलिए इन्हें स्थायी रसायन कहा जाता है।
पिछले अध्ययनों ने पीएफ को किडनी, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर सहित अन्य प्रकार के कैंसर से जोड़ा है। हालाँकि, पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित येल विश्वविद्यालय का पेपर यह सुझाव देता है कि ये रसायन कैंसर (विशेषकर कोलन कैंसर) को और अधिक तेज़ी से फैलाने का कारण बन सकते हैं।