नई दिल्ली: मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का किराया विमान किराये से भी सस्ता होगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यह लोकसभा में यह जानकारी देते हुए साथ ही बताया कि यह हाई स्पीड रेल कॉरिडोर अगले 6 साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि यह महात्वाकांक्षी परियोजना मुमकिन है और हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना लागत-प्रभावी होगी। उम्मीद है कि हाई स्पीड बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की दूरी लगभग 2 घंटे में पूरा करेगी। इसकी अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा और संस्चालन गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इस वक्त दुरंतो एक्सप्रेस इस दूरी को सात घंटे में पूरा करती है। प्रभु ने कहा, ‘इस निर्णय में किसी तरह का क्षेत्रीय पूर्वाग्रह नहीं है। हर एक राज्य को पहले की तुलना में दोगुना धन उपलब्ध कराया गया है।’
गौरतलब है कि सरकार हाई स्पीड रेल प्रॉजेक्ट के लिए जापान से तकनीकी और वित्तीय मदद दे रही है। इसके लिए जापानी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने इसका फिजीबिलिटी अध्ययन पहले ही पूरा कर लिया है। इस प्रॉजेक्ट की अनुमानित लागत 97,636 करोड़ रुपये है और इसका 81 फीसदी हिस्सा लोन के रूप में जापान देगा। प्रॉजेक्ट कॉस्ट में कॉस्ट बढ़ोतरी, निर्माण के दौरान ब्याज और इंपोर्ट ड्यूटी भी शामिल है। इस प्रॉजेक्ट के लिए जापान 50 साल के लिए 0.1 फीसदी सालाना ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन देगा। लोन अग्रीमेंट के तहत सिग्नल और पावर सिस्टम के लिए उपकरणों का निर्यात जापान से करना होगा।
प्रभु ने बताया कि रेलवे ने हाई स्पीड और सेमी हाई स्पीड ट्रेन के लिए एक नीति बनाई है। उन्होंने बताया कि विभिन्न रेलवे कंपनियों को अन्य हाई स्पीड कॉरिडोर के फिजीबिलिटी स्टडी के लिए कहा है। दिल्ली-मुंबई हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए थर्ड रेलवे सर्वे ऐंड डिजाइन इंस्टिट्यूट ग्रुप कॉरपोरेशन (चीनी कंसल्टैंट) और भारत की लेहमेयर इंटरनैशन के कंसोर्टियम को ठेका दिया गया है। मुंबई-चेन्नई, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-नागपुर और मुंबई-नागपुर के बीच हाई स्पीड कॉरीडोर की फिजीबिलिटी स्टडी के लिए ग्लोबल कंसल्टैंट को ठेका दिया गया है। प्रभु ने बताया कि रेलवे ने सेमी-हाई स्पीड रेल के लिए 9 कॉरिडोर की पहचान की है।
रेलवे द्वारा चिन्हित किए गए कॉरिडोर में दिल्ली-चंडीगढ़, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर, दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर,मुंबई-गोवा, मुंबई-अहमदाबाद, चेन्नै-हैदराबाद और नागपुर-सिकंदराबाद शामिल हैं।