लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सम्पन्न हुई इन्वेस्टर्स समिट को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने धन का दुरूपयोग करार देते हुए कहा कि इससे गरीब,मजदूर एवं बेरोजगार युवाओं का भला होने वाला नहीं है।
मायावती ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा कि उद्योगपतियों का सम्मेलन आयोजित कराना वर्तमान में एक ऐसा फैशन हो गया है जिसके नाम पर खासकर बीजेपी सरकारें धन को पानी की तरह बहाती है जबकि जनता की इसी गाढ़ी कमाई से $गरीबों, मजदूरों एवं बेरोजगार युवाओं को राहत, जनता के असली हित एवं कल्याण के अनेक महत्वपूर्ण काम किए जा सकते थे।
इससे लाखों किसानों को कर्ज से मुक्ति मिल सकती थी। उन्होंने कहा कि हाल के अनुभवों को देखकर लगा है कि‘इन्वेस्टर्स समिट’लोंगों की महंगाई एवं बेरोजगारी की समस्याओं और सरकार की अपनी विफलताओं पर से जनता का ध्यान बांटने का एक माध्यम बन गया है। इसके अलावा यह भाजपा सरकारों द्वारा भ्रष्टाचार का एक अच्छा साधन भी बन गया लगता है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र आदि कई अन्य राज्यों के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी भाजपा सरकार पर ‘इन्वेस्टर्स समिट’ का बुखार चढ गया है और इसे ही सबसे बड़ी जनसेवा एवं विकट जनससमयाओं का हल मानकर पूरी सरकार इसी में व्यस्त रही है तथा सरकारी धन को पानी की तरह इसके प्रचार-प्रसार पर खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक सच है कि जिस भी देश एवं प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं होती है वहां उद्योगपति उद्योग-धंधा लगाना घाटे का सौदा समझता है।