मुंबई, बिलकिस बानो केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की अपील खारिज की. बॉम्बे हाईकोर्ट गुरुवार को बिलकिस बानो केस में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने 11 आरोपियों की अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है. कोर्ट ने उम्रकैद के फैसले को बरकरार रखा है. इसके अलावा कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने कुछ आरोपियों को फांसी की सजा देने को कहा था.
आपको बता दें कि 3 मार्च, 2002 को गोधरा दंगों के बाद कुल 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर अहमदाबाद के रंधिकपुर में हमला किया था. इस दौरान 8 लोगों की हत्या कर दी गई थी, और 6 लोग फरार थे. बिलकिस बानो उस समय मात्र 19 साल की थी, और 5 माह की गर्भवती थी. उनके साथ गैंगरेप किया गया था. इस घटना में बिलकिस की तीन साल की बेटी और दो दिन का बच्चे की भी मौत हुई थी.
२१ जनवरी, 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 11 लोगों को मर्डर और गैंगरेप का आरोपी माना था. जिसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी को उम्रकैद की सजा दी गई थी. जिसके बाद सभी आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील की थी.
तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनवाने के लिए 2011 में सीबीआई इस केस को लेकर हाई कोर्ट गई थी. इनमें जसवंत नाई, गोविंद नाई और शैलेश भट्ट शामिल थे. बताया जाता था बिलकिस की बहन और मां ने उन्हें रेपिस्ट माना था.
ये 11 लोग थे आरोपी
जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट, रमेश चंदाना.