नई दिल्ली: बिहार में शराब कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से 31 जुलाई तक राहत दे दी है. बिहार के गोदामों में रखी 200 करोड़ की शराब के स्टॉक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के विरोध के बावजूद बिहार के गोदामों में रखी शराब निकालने के लिए 31 जुलाई तक का वक्त दे दिया है. बिहार सरकार ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि 31 गोदामों में करीब 2 करोड़ 80 लाख बोतलें रखी हैं, जिनमें से सिर्फ 10 लाख बोतलें ही निकाली गई हैं. इस शराब के स्टॉक की सुरक्षा के लिए सरकार का हर महीने एक करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.राज्य में शराब रखी होने की वजह से कानून-व्यवस्था के खराब होने की आशंका है.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा कि जब शराब सरकार की सुरक्षा में है तो फिर ये बाहर कैसे बिकेगी. कोर्ट ने कंपनियों से कहा कि इसके बाद और वक्त नहीं मिलेगा. वहीं कंपनियों का कहना था कि कंपनियों ने शराब को दूसरे राज्यों को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
बिहार में शराबबंदी के चलते शराब निर्माता कंपनियों के गोदामों में रखे 200 करोड़ रुपये के शराब के स्टॉक पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कंपनियों ने बिहार में गोदामों में पड़े शराब के स्टॉक को निकालने के लिए तीन महीने का वक्त और बढ़ाने की मांग की थी. याचिका में कहा गया कि स्टॉक को निकालने के लिए कंपनियों को और वक्त चाहिए, 31 मई तक गोदाम से सारा स्टॉक नहीं निकाला जा सकता.
गौरतलब है कि 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों को 31 मई तक बिहार से शराब का सारा स्टॉक निकालने की इजाजत दी थी. शराब कंपनियों की ओर से कहा गया कि शराबंदी कानून के वक्त उनके गोदामों में शराब का स्टोर में पड़ा है. कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वह ये स्टॉक निकालने के लिए तीन महीने की वक्त दे. वहीं बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने 30 मार्च को ही प्रस्ताव पास किया है कि 30 अप्रैल तक कंपनियां गोदाम से शराब निकाल सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कंपनियों को दो महीने का वक्त देते हुए कहा था कि 31 मई तक गोदाम से स्टाक निकाल लिया जाए.