पटना। बिहार में भाजपा और लोजपा के साथ सत्ता में शामिल जदयू से आठ मंत्रियों को रविवार को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
नीतीश ने बताया कि मंत्रिमंडल में जदयू के कोटे से मंत्रियों की संख्या पहले से पांच कम थी और लोकसभा चुनाव में तीन मंत्रियों के सांसद चुने जाने के बाद अब यह संख्या बढ़ कर आठ हो गई थी।
पटना स्थित राजभवन में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल लालजी टंडन ने जदयू नेता अशोक चौधरी, नरेंद्र नारायण यादव, बीमा भारती, संजय झा, नीरज कुमार, रामसेवक सिंह, श्याम रजक और लक्ष्मेश्वर राय को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राज्य मंत्रिमंडल के कई अन्य मंत्री उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने की वजह से आज बिहार मंत्रिमंडल के विस्तार में भाजपा को स्थान नहीं दिए जाने की चर्चा के बीच शपथग्रहण समारोह के बाद नीतीश ने स्पष्ट किया कि अभी विस्तार सिर्फ जदयू का ही था और जिनकी इक्का दुक्का रिक्तियां हैं वह कभी भी हो सकता है।
नीतीश ने बताया कि मंत्रिमंडल में जदयू के कोटे से मंत्रियों की संख्या पहले से पांच कम थी और लोकसभा चुनाव में तीन मंत्रियों के सांसद चुने जाने के बाद अब यह संख्या बढ़ कर आठ हो गई थी।
उन्होंने कहा कि विभागों की संख्या अधिक और मंत्रियों की संख्या कम रहने तथा आसन्न बिहार विधानमंडल के सत्र को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने कल ही आग्रह किया था कि जो रिक्तियां हैं उन्हें भाजपा भर सकती है, पर हमारी पार्टी के नेतृत्व ने तय किया है कि आगामी दिनों में इसे भरा जाएगा। हमारी रिक्तियां कम हैं। पहले से ही 13 मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में जदयू की रिक्तियां अधिक होने के मद्देनजर उन्होंने इसे तत्काल भरने का निर्णय लिया।
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जदयू के प्रतिनिधित्व और उसकी कथित नाराजगी के बारे में पूछे जाने सुशील ने कहा कि वह उनका विषय नहीं है और उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे पर जहां तक बिहार का सवाल है, बिहार में राजग 200 प्रतिशत एकजुट है।