पटना। बिहार की राजधानी पटना के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) घाट पर गंगा दियारा में मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल होने के बाद लौट रहे लोगों की नौका डूब गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य अब भी लापता हैं। बचाव कार्य अब भी जारी है। boat
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नाव दुर्घटना पर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। नीतीश सरकार ने अपना सारा कार्यक्रम रद्द कर दिया है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दियारा से लौट रही एक नाव देर शाम एनआइटी घाट के पास गंगा नदी में डूब गई। नौका में 60 से 70 लोग सवार थे, जिसमें से कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए जबकि 25 की लोगों की डूबकर मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नाव पर क्षमता से काफी ज्यादा लोगों के सवार होने से यह हादसा हुआ। नाव जैसे ही किनारे से 15 मीटर आगे बढ़ी ज्यादा वजन होने के कारण गंगा की धारा में बैठ गई। कुछ लोगों का कहना था कि एक छेद था, जिसके कारण नाव में अचानक पानी भरने लगा।
घटना के बाद कोहराम मच गया और पीछे से आ रही नाव पर बैठे लोग चिल्लाने लगे। लोगों ने नाव पर से ही अधिकारियों को फोन लगाना शुरू किया। गंगा घाट पर चीत्कार मच गया और लॉ कॉलेज घाट पर खड़े लोग चिल्लाने लगे।
सुरक्षा की कोई व्यवस्था न देखकर लोग प्रशासन को कोस रहे थे। 21 मृतकों में 13 पुरुष, 4 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं, इनमें से 19 बिहार के ही निवासी हैं। जानकारी के मुताबिक पटना के एक परिवार ने अपने चार सदस्यों को खो दिया। अभी तक दो शवों की पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों में 9 पटना जिले के रहने वाले हैं।