वाराणसी। नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे ने कहा कि बीएचयू और नेपाल के बीच शैक्षणिक समझौता होगा। शोध और शिक्षण के क्षेत्र में नेपालबीएचयू के साथ काम करने का इच्छुक है। आयुर्वेद, विज्ञान, तकनीकी, कला और साहित्य के क्षेत्र में करार होगा। ये बातें उन्होंने बीएचयू के मालवीय शांति अनुसंधान केंद्र में बुधवार को कहीं।
भारत के परिप्रेक्ष्य में’ विषयक व्याख्यान में उन्होंने कहा कि भले ही भारत और नेपाल के रिश्तों में इस वक्त उतार चढ़ाव चल रहा हो लेकिन नेपाल में शांति कायम रखने में भारत पूरी मदद कर रहा है। महाकाली और पंचेश्वर पावर प्रोजेक्ट पर भारत काम कर रहा है। राजदूत ने कहा कि भारत के फरक्का बैराज में 50 फीसदी पानी नेपाल की नदियों से आता है। नेपाल के जल संसाधन का उपयोग भारत को ऊर्जा के रूप में करना चाहिए। इससे आर्थिक और राजनीतिक साझेदारी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘थ्री सिस्टर सिटी एग्रीमेंट’ के तहत वाराणसी-काठमांडू, लुंबिनी व बोध गया और जनकपुर-अयोध्या को सांस्कृतिक रूप से जोड़ा जा रहा है। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि दो देशों की संस्कृति और सभ्यता में समानता उनके रिश्ते को प्रगाढ़ बनाती है। अध्यक्षता प्रो. मंजीत चतुर्वेदी ने की। स्वागत प्रो. प्रियंकर उपाध्याय व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अंजू शरण उपाध्याय ने किया।