बर्न: वर्तमान में सेंसर का उपयोग कई महत्वपूर्ण प्रयोगों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जैसे कि इमारतों या पुलों जैसे बुनियादी ढांचे की निगरानी करना, या कम सुनने वाले लोगों की सहायता के लिए गैजेट जैसी महत्वपूर्ण तकनीकें।
लेकिन इन सेंसरों में निरंतर बिजली आपूर्ति की आवश्यकता के कारण, वे बैटरियों पर निर्भर होते हैं जिन्हें नियमित रूप से बदलने की आवश्यकता होती है, जिससे बड़े पैमाने पर विद्युत अपशिष्ट जमा हो जाता है।
यूरोपीय संघ के एक अध्ययन के मुताबिक, 2025 तक हर दिन 7.8 मिलियन बैटरियां कूड़े में फेंक दी जाएंगी। ये बैटरियां उन सामग्रियों से बनी होती हैं जिन्हें इकट्ठा करना और निपटान करना मुश्किल हो सकता है।
हाल ही में स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सेंसर विकसित करने का दावा किया है जो बैटरी की कम्पन (vibration) से छुटकारा दिलाने की क्षमता रखता है।
ईटीएच ज्यूरिख के एक हालिया अध्ययन में, शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने एक मैकेनिक सेंसर बनाया है जिसे संचालित करने के लिए किसी ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है और यह बैटरी की बर्बादी को कम करने में मदद कर सकता है।
.@ETH_en researchers developed a battery-free speech recognition sensor that is powered by the very sound waves it is designed to detect. https://t.co/5ZzO6tSaMG
— Hackster.io (@Hacksterio) January 30, 2024
शोध टीम में से एक, जोहान रॉबर्टसन ने कहा कि सेंसर ध्वनि तरंगों में मौजूद कंपन ऊर्जा का उपयोग करता है। यह सेंसर ख़ास आवाज़ों पर सक्रिय होने में सक्षम है। ये किसी खास शब्द का उच्चारण या खास आवाज़ के पैदा होने से सक्रिय होता है। ध्वनि तरंगों का एक विशिष्ट सेट सेंसर को कंपन करने का कारण बनता है, जिसका मतलब है कि सेंसर एक्टिव है।