बरेली. योगी के विधायक की गुंडागर्दीः बरेली में बैंक मैनेजर को पीटकर बंधक बनाया. पीड़ित मैनेजर हरीश सिंह ह्यांकी ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया कि कल वह दलेलनगर शाखा में ग्राहक से फोन पर बात कर रहे थे। 3:00 बजे अचानक नवाबगंज विधायक केसर सिंह गंगवार, दलेलनगर प्रधान प्रेमप्रकाश के साथ पांच छह लोग बैंक में आ पहुंचे। विधायक ने उन्होंने जागन लाल निवासी ग्राम कटिया आत्माराम एवं दलेल नगर के नत्थूलाल के भुगतान के संबंध में पूछा।
मैनेजर के मुताबिक, उन्होंने विधायक को बताया कि दोनों लोगों पर कर्ज है। वे कर्ज माफी की स्कीम में आते हैं तो इनके बचत खाते में जमा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इतना सुनते ही विधायक ने गुस्से में किसानों का तत्काल पेमेंट करने कहा। इंकार करने पर उन्होंने कथित रूप से गाली-गलौज व मारपीट शुरु कर दी। विधायक के साथ प्रधान प्रेम प्रकाश ने साथियों के साथ मुझे बेरहमी से पीटा।
आरोप है कि विधायक और उनके साथी प्रबंधक हरीश ह्यांकी को शाखा से घसीटते हुए गाड़ी में डालकर एक बारात घर में ले गए और वहां बांधकर डाल दिया। उनकी शर्ट उतारकर मोबाइल छीन लिया, किसी से बात नहीं करने दी। इसके बाद एक कागज पर जोर जबरदस्ती धमकी देकर या लिखवाया कि खातेदारों किसानों का भुगतान कर दूंगा। इसके बाद विधायक ने मोबाइल वापस कर मैनेजर को छोड़ दिया। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। घबराए मैनेजर ने तुरंत ही बैंक अधिकारी तुषार नायक एवं भवन स्वामी छत्रपाल गंगवार को सूचना देकर मदद मांगी।
कार्रवाई की मांग को लेकर थाने पर प्रदर्शन दलेलनगर के शाखा प्रबंधक हरीश ह्यांकी के साथ घटना का पता होते ही नवाबगंज, हाफिजगंज, सेंथल, क्योलड़ियां, धौरेरा, बरखन के साथ बरेली मुख्यालय से बैंक अधिकारी और कर्मचारी नवाबगंज पहुंच गए। बैंक वालों ने पहले आपस में बैठक कर रणनीति बनाई। उन्होंनें प्रदर्शन कर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। हालांकि देर रात तक नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था।
शाखा प्रबंधक का आरोप गलत – केसर शाखा प्रबंधक मारपीट और अपहरण कर ले जाने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। शाखा प्रबंधक किसानों का शोषण कर रहे हैं। जिन किसानों के गन्ना और गेहूं का रुपया उनके खातों में पड़ा है। बैंक मैनेजर उसका भुगतान नहीं कर रह हैं।
मैनेजर का कहना है कि किसानों पर ऋण बकाया है। योगी सरकार की ऋण माफी योजना में किसानों का ऋण माफ हो रहा है। जो किसान ऋण माफी योजना के दायरे में नहीं आएंगे। बैँक के पास उनकी प्रापर्टी बंधक पड़ी है। बैंक उससे अपना ऋण वसूल करे। बचत खातों में पड़े कैश का मैनेजर भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं।