मुंबई। रिजर्व बैंक प्रमुख रघुराम राजन के नीतिगत दर में कटौती का थोड़ा लाभ ही ग्राहकों को दिये जाने के आरोप के बावजूद बैंक प्रमुखों ने ब्याज दरों में तत्काल कटौती से इनकार किया और कहा कि ऋण वृद्धि में तेजी आने के साथ ब्याज दरें कम होंगी। भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुधंती भट्टाचार्य ने मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं होने को बाजार की उम्मीद के अनुरुप बताया और कहा, ‘हमारा मानना है कि ऋण वृद्धि में तेजी आने के साथ अगले कुछ महीनों में ब्याज दर में कटौती का लाभ मिलेगा।’
उन्होंने शुरुआत में ही ओपन मार्केट एक्सेस (OMO) के जरिये शुरु में ही नकदी का प्रावधान किये जाने को लेकर गर्वनर राजन की सराहना की। उन्होंने इसे सोचा-समझा कदम बताया क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता के कारण इस साल पूंजी प्रवाह अपेक्षाकृत कम है। मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राजन ने उंची दर रखने को लेकर बैंकों पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में 1.50 प्रतिशत की कटौती लेकिन बैंकों ने इसका पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दिया।
ICICI बैंक की चंदा कोचर ने नरम नीतिगत रुख के साथ पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने के उपायों को लेकर रिजर्व बैंक का स्वागत किया। बैंक आफ इंडिया के मेलविन रेगो ने कहा कि लगातार नरम रुख और नकदी का आश्वासन स्वागत योग्य कदम है। यस बैंक के राणा कपूर ने आने वाले महीनों में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद जतायी। उन्होंने कहा कि अनुकूल मानसून तथा सरकार द्वारा संरचनात्मक नीतिगत सुधारों से मुद्रास्फीति में वृद्धि की रफ्तार मंद होगी और इससे चालू वित्त वर्ष में नीतिगत दर में 0.5 से 1.0 प्रतिशत तक की कटौती की उम्मीद है।
कोटक महिंद्रा बैंक की शांति एकाबरम ने भी इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है लेकिन वैश्विक स्तर पर नकदी में नरमी, घरेलू स्तर पर पर्याप्त नकदी जैसे सकारात्मक कारक चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ब्याज दर में कटौती के संकेत देते हैं।