नयी दिल्ली 08 मई : रेलकर्मियों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया रेलमैन्स फेडेरेशन (एआईआरएफ) ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मांग की है कि कोविड महामारी के बीच ऑक्सीजन सहित आवश्यक वस्तुओं एवं यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में लगे रेलकर्मियो को कोरोना योद्धा मान कर उन्हें समान रूप से भत्ते तथा उनकी मृत्यु होने पर 50 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाये।
एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेल मंत्री को कल शाम एक पत्र लिख कर कहा कि देश इस समय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण बेहद कठिन समय से गुजर रहा है। एक लाख से अधिक रेलकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए जिनमें से 65 हजार से अधिक लोग ठीक हो कर अपनी ड्यूटी पर लौट आये हैं। हालांकि डेढ़ हजार से अधिक लोगों ने अपना कर्त्तव्य पालन करने के दौरान हुए कोरोना संक्रमण की वजह से प्राण गंवा दिये हैं।
उन्होंने कहा, “हम सब आपके उस पत्र की सराहना करते हैं जिसमें आपने इस कठिन समय में रेलकर्मियों द्वारा निष्ठा एवं समर्पण की भावना से की जा रही सेवा की प्रशंसा की है। हम इस बात की भी सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने “मन की बात” कार्यक्रम में रेलकर्मियों को ‘कोरोना योद्धा’ कहा था।”
एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेल मंत्री को एक पत्र लिख कर कहा किरेलकर्मियों एवं उनके परिवारों का मनाेबल बढ़ाने के लिए मुआवजे की राशि एकसमान रूप से 50 लाख रुपए की जाये।
श्री मिश्रा ने कहा कि एआईआरएफ शुरू से ही मांग करती रही है कि कोरोना काल में चौबीसों घंटे सातों दिन सेवा करने और अपने जीवन का बलिदान देने वाले सभी वर्ग के लोगों को एकसमान माना जाये। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेडिकल स्टाफ, सुरक्षा बलों एवं सफाई कर्मियों आदि के निधन होने पर मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए दिये जा रहे हैं लेकिन रेलकर्मियों को केवल 25 लाख रुपए दिये जा रहे हैं। यह सरासर भेदभाव है और हमारा अनुरोध है कि इसे तत्काल दूर किया जाये तथा रेलकर्मियों एवं उनके परिवारों का मनाेबल बढ़ाने के लिए मुआवजे की राशि एकसमान रूप से 50 लाख रुपए की जाये।