आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। शपथ लेने के बाद नई सरकार 26 व 27 सितंबर को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत प्राप्त करेगी।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा तथा सरकार के गठन का प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद ही सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। आतिशी के साथ उनकी कैबिनेट भी शपथ ले सकती है।
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि उपराज्यपाल ने शपथ ग्रहण की तिथि का चुनाव करते हुए 21 सितंबर की तारीख तय की है। आतिशी की कैबिनेट भी उनके साथ शपथ ले सकती है।
क्योंकि मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के साथ ही पर पूरा मंत्रिमंडल भी भंग हो जाता है। ऐसे में आतिशी के साथ नए मंत्रिमंडल के शपथ लेने की उम्मीद है।
कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक आतिशी के पास वर्तमान में 13 मंत्रालय हैं। सियासी गलियारों में आतिशी को केजरीवाल के भरोसेमंद साथियों में से एक का दर्जा मिला है।
आतिशी के राजनीतिक करियर की शुरुआत ‘भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन’ के साथ हुई थी। साल 2015 से 2018 तक वह दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही हैं।
आतिशी ‘आप’ नेता पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की मेंबर भी रह चुकी हैं। आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरी थीं मगर उन्हें गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भी दिल्ली की मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मंत्रिमंडल में जहाँ अन्य सभी केजरीवाल सरकार के चेहरे नज़र आएँगे वहीँ कम से कम दो नए चेहरे भी दिखने की उम्मीद है।
याद दिला दें कि अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री इस्तीफा देने के साथ आप विधायक दल की आतिशी को नया नेता चुना था। उसी दिन आतिशी ने उपराज्यपाल के समक्ष सरकार गठन का दावा पेश किया था।