नई दिल्ली। बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से कश्मीर घाटी में जो पत्थरबाजी चल रही थी उसे हवा देने के आरोप में महिला अलगाववादी आसिया अंद्राबी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आसिया 3 महीने से पुलिस से बची हुई थी। asiya andrabi
इसके पहले आसिया जब भी दिखी, नकाब में दिखी। लेकिन नकाब में छुपा चेहरा कश्मीर घाटी में अलगाववादी आंदोलन का बड़ा चेहरा है। 54 साल की आसिया अंद्राबी की पैदाइश श्रीनगर की है। श्रीनगर यूनिवर्सिटी से पढाई करने के बाद पूरी जिंदगी जम्मू-कश्मीर में बिताने वाली आसिया को पाकिस्तान से सहानुभूति है। नवाज शरीफ से उसकी चिट्ठी के जरिए बात होती रही है। पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले दुनिया के खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद से आसिया फोन पर बात करती है। हाफिज सईद उसे बहन कहता है और उसका भाई होने का दावा करता है।
आतंकी बुरहान के एनकाउंटर के बाद आसिया के रोने की बात सामने आई थी। बुरहान वानी और अफजल गुरु जैसे आतंकी को आसिया ने शहादत के लड़ाके नाम दिया। कश्मीर घाटी में भारत विरोधी पत्थरबाजी को हवा देने में आसिया अंद्राबी का हाथ रहा है। उसी आरोप में आसिया को कल करालखुर्द से गिरफ्तार किया गया। जुलाई से कश्मीर में हो रही पत्थरबाजी और अलगाववादी आंदोलन को आसिया अंद्राबी शह देती रही है। महिलाओं और नौजवानों को उकसाने के पीछे आसिया का हाथ रहा है।
हिंसा के वक्त से ही पुलिस को आसिया की तलाश थी लेकिन महिलाओं और नौजवानों के हाथ में पत्थर पकड़ाकर आसिया खुद गिरफ्तारी से बचने के लिए छुपती रही। सिर्फ आसिया अंद्राबी ही अकेली ऐसी अलगाववादी थी जो बुरहान एनकाउंटर के बाद हुई हिंसा में गिरफ्तारी से बची हुई थी। आसिया का पूरा जीवन पाकिस्तान के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। 2014 को आसिया ने कश्मीर घाटी में पाकिस्तान दिवस पर पाकिस्तान का झंडा लगाया था। वे पाकिस्तान का राष्ट्र गान भी गा चुकी है। पाकिस्तान के गुणगान के आरोप में आसिया को गिरफ्तार किया गया था।
कश्मीर घाटी में अलगाववादियों के धड़े हैं। आसिया महिलाओं के नाम पर अलगवावाद को बढ़ावा दे रही हैं। वे दुख्तरान-ए-मिल्लत नाम का संगठन चलाती है। दुख्तरान-ए-मिल्लत भारत से आजादी की मांग करता है। आसिया का कनेक्शन आतंकी संगठन आईएस से भी बताया जाता है। आरोप है कि नागपुर एयरपोर्ट से पिछले साल दिसंबर में पकड़े गए लड़कों ने आईएस में शामिल कराने का ठीकरा आसिया पर ही फोड़ा था।
आसिया दो बेटों की मां है लेकिन उसने अपने दोनो बेटों ने कभी कश्मीर में पत्थर नहीं चलवाए। कहा जाता है कि आसिया का बड़ा बेटा मोहम्मद बिन कासिम ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न यूनिवर्सिटी में एमटेक की पढ़ाई कर रहा है। छोटा बेटा अहमद बिन कासिम मलेशिया की इस्लामिक यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। पति आशिक हुसैन 22 साल तक जेल में रह चुका है। आसिया अंद्राबी बाकी अलगाववादी से सिर्फ इस मामले में अलग है क्योंकि उसने 2014 में चुनाव लड़ा था और नेशनल कॉनफ्रेंस उम्मीदवार को हराकर विधानसभा में भी पहुंची थी।
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