नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी से देश में कर अनुपालना अौर डिजिटलीकरण बढ़ा है तथा समानांतर अर्थव्यवस्था समाप्त हुई है। जेटली ने दिल्ली इकोनाॅमिक्स काॅनक्लेव में यह बात कहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले तीन साल में एक-एक करके तीन बड़े बदलावों के जरिये काफी हद तक इस पर लगाम लगाने में कामयाबी पायी है। सबसे पहले उसने कालाधन तथा कराधान अधिनियम, 2015 लागू किया जिससे विदेशों में कालाधन रखना मुश्किल हो गया।
सरकार ने नोटबंदी की जिससे समानांतर अर्थव्यवस्था समाप्त हुई। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले कर चोरी अौर समानांतर अर्थव्यवस्था देश में सामान्य बात हो गयी थी। इसमें महत्त्वपूर्ण बदलाव के लिए सरकार ने कदम उठाये हैं जिसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कर अनुपालना अोर डिजिटलीकरण नोटबंदी के परिणाम हैं। इसके अलावा मोदी सरकार ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून बनाया जिससे बड़े पूंजीपतियों के लिए बैंकों से कर्ज लेकर डकार जाना संभव नहीं होगा।
वित्त मंत्री ने स्वच्छ अर्थव्यवस्था के लिए मुखोटा कंपनियों के समाप्त करना बताया। उन्होंने कहा, कालाधन को सफेद बनाने का सबसे आसान जरिया मुखोटा कंपनियाँ थीं। कारोबारी अौर राजनीतिक लोग इसका समान रूप से इसका इस्तेमाल कर रहे थे। इसमें कई कंपनियों से होकर पैसा अंततः वास्तविक मालिक के पास सफेद धन के रूप में पहुँचता था जो इसके बाद इसे निवेश करता था। जितनी जल्दी यह तंत्र समाप्त हो जायेगा उतनी जल्दी अर्थव्यवस्था साफ हो जायेगी।