आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जन्मदाता ही अब इसे दुनिया और मानवता के बड़ा खतरा बता रहे हैं। दुनिया के टॉप टेक लीडर्स से सम्बंधित 119 कंपनी लीडर्स में से 42 प्रतिशत इस बात के संकेत देते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में आने वाले 5 से 10 वर्षों में मानवता को खत्म करने की क्षमता है।
सर्वे के दौरान तक़रीबन 34 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि एआई संभावित रूप से 10 सालों में मानवता को तबाह कर सकता है। लगभग 8 प्रतिशत लोगों का कहना था कि विनाश अब से केवल पांच वर्षों में हो सकता है। वहीं करीब 58 प्रतिशत सीईओ के मुताबिक़ एआई कभी भी मनुष्यों पर हावी नहीं होगा और वे चिंतित नहीं हैं।
इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक ओर इसके लाभ की लम्बी सूची है तो वहीं इसके खतरे भी हैं। मानवता पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के हावी होने से इस समय कई टॉप तकनीकी सीईओ चिंतित हैं।
Forty-two percent of CEOs surveyed at the Yale CEO Summit this week say AI has the potential to destroy humanity five to ten years from now, according to survey results shared exclusively with CNN https://t.co/vyIJBwzRBd
— CNN International (@cnni) June 15, 2023
येल सीईओ शिखर सम्मेलन में सीएनएन द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक़ 42 प्रतिशत सीईओ का मानना है कि एआई अगले कुछ वर्षों में मानवता पर हावी हो सकता है जबकि 58 फीसदका मानना था कि एआई से इस तरह का खतरा नहीं है।
इस विषय में एलन मस्क, स्टीफन हॉकिंग और बिल गेट्स ने एआई के संभावित खतरों की आशंका जताई और कहा कि यह मानवता के लिए सबसे बड़ा अस्तित्वगत खतरा हो सकता है। इसके अलावा एआई के हवाले से उन्होंने तीसरे विश्व युद्ध की ओर ले जाने के भी संकेत दिए। एआई पर खतरे का संकेत करते हुए ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का मानना है कि जहां कुछ नौकरियां एआई द्वारा प्रतिस्थापित की जा सकती हैं, वहीं नए अवसर भी पैदा होंगे।