बीजिंग। भारत और चीन में सोमवार (21 नवंबर) को सहमति बनी की वे अपनी सीमाओं को ‘शांत एवं सुरक्षित’ रखेंगे। भारत के सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा के पहले दिन सोमवार (21 नवंबर) को अपने समकक्ष सहित चीनी सेना के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की जिसमें यह सहमति बनी है। गौरतलब है कि चीन की सेना द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अकसर आक्रमकता दिखाए जाने के बीच दोनों सेनाएं आपस में बातचीत कर रही हैं। अपनी चार दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए जनरल सुहाग ने चीनी थलसेना के प्रमुख जनरल ली जुचेन से भेंट की। army chief
चीनी थलसेना में पिछले तीन वर्षों में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं। जनरल ली ने बेयी बिल्डिंग में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सुहाग का स्वागत किया। बाद में दोनों अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में परस्पर दिलचस्पी के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के अनुसार, दोनों ने फिलहाल पुणे में चल रहे छठे भारत-चीन संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास ‘हैंड इन हैंड’ 2016 की प्रशंसा करते हुए दोनों सेनाओं के बीच भविष्य में रक्षा आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमत हुए।
बाद में सुहाग ले चीनी वायुसेना के प्रमुख जनरल शु क्वीलिआंग से भी भेंट की। शु चीनी सेना के उच्च कमान, सेन्ट्रल मिलिट्री कमिशन के उपाध्यक्ष हैं। बयान के अनुसार, बैठक के दौरान सुहाग और शु ने ‘रक्षा आदान-प्रदान की गति को बनाए रखने तथा सीमाओं को शांत और सुरक्षित बनाए रखने की अपनी इच्छा को दोहराया।’
जनरल शु ने भारत आने का जनरल सुहाग का न्योता भी स्वीकार किया। सुहाग ने ली को भी भारत आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए जल्दी आने की आशा जतायी। बयान के मुताबिक, सेना प्रमुख के साथ प्रतिनिधिमंडल में भारतीय सेना में प्रमुख पदों पर आरूढ़ चार शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं। सुहाग शिआन और नानजिंग भी जाएंगे, जहां वह प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा करेंगे तथा ईस्टर्न थियेटर कमांड के कमांडर जनरल लियू युजुन से बातचीत भी करेंगे। आशा की जा रही है कि अपनी यात्रा के दौरान जनरल दलबीर सिंह सुहाग विभिन्न मुद्दों के साथ-साथ दोनोंं देशों के मालिकाना दावों वाले क्षेत्रों में आक्रामक गश्त के दौरान सैन्य टुकड़ियों द्वारा किए जाने वाले उल्लंघनों से निपटने संबंधी प्रक्रिया के प्रभावितों पर भी चर्चा करेंगे।