श्रीनगर। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में जहां एक तरफ पुलिस और सेना राज्य में फैली हिंसा को रोकने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना के हथियार लूट कर आर्मरी बनाने में लगे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले विद्रोहियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के 70 हथियार लूट लिए थे।
कुलगाम के दमहल हांजी पोरा पुलिस स्टेशन से एक विद्रोही हथियार लेकर भाग गया। 70 हथियारों में कुछ ऑटोमेटिक थे तो कुछ सेमी ऑटोमेटिक। सेना से हथियार छीनने के अलग-अलग कई मामले सामने आए। त्राल में एक समूह ने 4 कांस्टेबलों पर हमला बोल कर उनसे हथियार छीनने की कोशिश की। करलपुरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया। सूत्रों के मुताबिक हमलावरों का मकसद हथियार चुराना ही था।
सीआरपीएफ अधिकारी के मुताबिक सोमवार को दो सीआरपीएफ जवान एक नागरिक को अस्पताल ले जा रहे थे और इसी दौरान विद्रोहियों ने उन पर हमला किया। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो विद्रोहियों ने पत्थर और रॉड से उनको मारना शुरू कर दिया। किसी भी तरह से जवानों ने उन्हें अपनी राइफल नहीं छीनने दी। इससे पहले बिजबेहेरा में पुलिस पोस्ट पर हमला कर कुछ हथियार लूटे गए थे। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश प्रदर्शनकारी हथियार लूट कर उसे स्थानीय आतंकियों तक पहुंचा रहे हैं और इसका इस्तेमाल सेना के खिलाफ हो रहा है।