लखनऊ । उत्तर प्रदेश में चुनावी समर में दलबदल के चलते कई ऐसे समीकरण बन रहे है जिन्हे देखना काफी दिलचस्प होगा। पहले जो रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस में थी और वह लखनऊ के कैंट से विधायक थी, वही रीता बहुगुणा जोशी एक बार फिर से लखनऊ कैंट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। aparna
इसी सीट पर सपा में कलह से पहले प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को टिकट दिया गया था लेकिन पार्टी के भीतर विवाद के बाद उनके नाम का अभी तक अखिलेश खेमे का ऐलान नहीं किया गया है।
हालांकि अपर्णा यादव के नाम का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है लेकिन चुनावी रण में रीता बहुगुणा जोशी से मुकाबले से पहले अपर्णा को अपने ही परिवार के भीतर लोगों से बड़ी लड़ाई जीतनी होगी।
जिसमे अखिलेश यादव तो उनके साथ ही खड़े हैं मगर परिवार के और लोग उनकी इस लड़ाई के खिलाफ भी हो सकते हैं ।
अपर्णा यादव पिछले काफी समय से लखनऊ कैंट क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार कर रही हैं और लंबे समय से यहां सक्रिय हैं, इस सीट पर पहले कभी सपा को जीत हासिल नहीं हुई है, लिहाजा अपर्णा पूरी कोशिश कर रही थीं कि वह इस सीट पर जीत दर्ज करें, लेकिन इस रण को जीतने से पहले उनके सामने परिवार से निपटने की बड़ी चुनौती है।
आपको बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी 2012 के चुनाव में कांग्रेस की सीट से जीती थी और अखिलेश यादव के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था और पार्टी को सिर्फ 29 सीटें ही हासिल हुई थी।
जिसमें से एक रीता बहुगुणा की भी थी, उन्होंने 20,000 वोटों से इस चुनाव में जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार सपा और कांग्रेस एक साथ चुनावी मैदान में उतर रही हैं, लेकिन रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की उम्मीदवार हैं।