बुल्गारियाई निर्देशक की फ़िल्म ‘द शेमलेस’ के लिए भारतीय अभिनेत्री अनसूया सेनगुप्ता की शानदार एक्टिंग ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक दिला दिया है।
सेक्स वर्करों की ज़िंदगी पर बनी इस फिल्म में अनसूया सेनगुप्ता को कान फ़िल्म समारोह की अन-सर्टेन रिगार्ड श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड मिला है।
अन-सर्टेन रिगार्ड श्रेणी को 1978 में जाइल्स जैकब ने पहली बार प्रस्तुत किया था। कान फ़िल्म समारोह के तहत अनसर्टेन कैटगिरी आधिकारिक सिलेक्शन का एक ऐसा सेक्शन है जिसे सल्ले डेबूस्सी द्वारा चलाया जाता है। इस सेक्शन में असाधारण और गैर पारंपरागत शैली की 20 फिल्मों की प्रस्तुति होती है। इस वर्ष इस श्रेणी में 18 नई फीचर फिल्मों को जगह दी गई।
अनसूया ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में 24 मई को अन सर्टन रिगार्ड सेगमेंट में फिल्म ‘द शेमलेस’ में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता है।
अनसूया सेनगुप्ता अभिनीत ‘द शेमलेस’ दिल्ली के वेश्यालय में काम करने वाली लड़की रेणुका की कहानी है। रेणुका एक रात एक पुलिसवाले का क़त्ल करने के बाद भाग जाती है और उत्तर भारत में वेश्याओं के एक समुदाय में पनाह लेती हैं।
यहाँ आकर रेणुका देविका के संपर्क में आती है जो एक कम उम्र युवती हैं और मजबूरन वेश्या का जीवन जी रही है। इनकी मुलाक़ात इन्हे एक नए रस्ते पर ले जाती है जहाँ समाज और कानून से बचने के लिए ये उस जीवन का चुनाव करती है जिसमे आज़ादी के साथ खतरे और जोखिम भी हैं।