अमेरिकी सरकार विशेषकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प परमाणु समझौते को लेकर बदहवासी का शिकार हैं।
अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि परमाणु समझौते में बाक़ी रहना अमेरिका के हित में है क्योंकि वर्तमान समय में एसा कोई प्रमाण नहीं है जो इस बात का सूचक हो कि ईरान परमाणु समझौते के प्रति कटिबद्ध नहीं है।
इससे पहले भी अमेरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन और अमेरिका के चीफ़ आफ आर्मी स्टाफ जनरल जोसेफ डनफर्ड अलग- अलग बातों में ईरान द्वारा परमाणु समझौते के प्रति वचनबद्ध होने की पुष्टि कर चुके हैं।
अलबत्ता इससे पहले परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी IAEA सात बार इस बात की पुष्टि कर चुकी थी कि ईरान परमाणु समझौते के प्रति कटिबद्ध रहा है और उसकी इस पुष्टि के बाद अमेरिकी अधिकारियों की ओर से इस प्रकार के बयानों का सामना आना अपेक्षित था।
इन सबके साथ वाशिंग्टन से जो विभिन्न प्रकार के बयान सामने आते हैं वे इस बात के सूचक हैं कि अमेरिकी सरकार विशेषकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प परमाणु समझौते को लेकर बदहवासी का शिकार हैं।
जब से डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तब से उन्होंने कभी भी परमाणु समझौते के प्रति अपनी अप्रसन्नता नहीं छिपाई है।
यहां तक कि उन्होंने अभी हाल ही में राष्ट्रसंघ की महासभा के वार्षिक अधिवेशन में ईरान के साथ होने वाले परमाणु समझौते को शर्मीन्दगी का कारण बताया।
बहरहाल अमेरिका में परमाणु समझौते में बाकी रहने के समर्थकों की संख्या में भी वृद्धि होती जा रही है।