अमरीका ने सीरियाई राष्ट्रपति बशार असद को प्रस्ताव दिया है कि अगर वह ईरान से अपने संबंध तोड़ लें तो वाशिंगटन, दमिश्क़ सरकार का समर्थन करेगा।
अमरीका का यह प्रस्ताव, सीरिया के मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि स्टीफ़न डीमिस्तूरा द्वारा दमिश्क़ सरकार को सौंपा जाएगा।
इस प्रस्ताव के तहत ट्रम्प प्रशासन ने सीरियाई सरकार के समर्थन के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण शर्त ईरान के साथ संबंध तोड़ना है। इसके अलावा, सीरिया के संविधान में संशोधन करके राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करना, प्रधान मंत्री की शक्ति में वृद्धि, सामूहिक विनाश के हथियारों को नष्ट करना और संयुक्त राष्ट्र संघ की निगरानी में आम चुनावों का आयोजन करना जैसी शर्तें भी इस प्रस्ताव में शामिल हैं।
अमरीका सीरियाई सरकार के सामने यह शर्त कोई पहली बार नहीं रखी है, इससे पहले भी कई बार वह और उसके घटक जैसे कि सऊदी अरब बशार असद के सामने ईरान से संबंध तोड़ लेने का प्रस्ताव रख चुके हैं। हां, इस बार इस प्रस्ताव का समय ध्यान योग्य बिंदू है। यह प्रस्ताव ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जब सीरियाई सरकार देश से आतंकवाद के सफ़ाए की कगार पर है और देश के अधिकांश इलाक़े आतंकवादी गुटों के क़ब्ज़े से आज़ाद हो चुके हैं। इस प्रकार से अमरीका का यह प्रयास है कि वह सीरिया को इस्राईल के ख़िलाफ़ प्रतिरोध के केन्द्र से अलग कर दे और ज़ायोनी शासन के सामने जो ख़तरे हैं उन्हें कर दे।
लेकिन यहां यह कहा जा सकता है कि अगर सीरियाई सरकार को इस तरह की कोई शर्त स्वीकार करना होती तो वह 7 साल विदेश समर्थित आतंकवादियों के मुक़ाबले में डटकर नहीं लड़ती और बड़े पैमाने पर जानी व माली नुक़सान को सहन नहीं करती।
हां, यहां यह कहा जा सकता है कि अमरीका ने प्रस्ताव इसलिए दिया है क्योंकि उसे पता है कि आतंकवादियों के अंतिम ठिकाने इदलिब को आज़ाद कराने के लिए सीरियाई सरकार प्रतिबद्ध है, इसलिए ऐसे समय में अगर सीरिया और ईरान के बीच दरार डा दी जाए तो जो उद्देश्य पिछले सात वर्षों में आतंकवादी गुटों के समर्थन से हासिल नहीं हो सका उसे इस तरह से प्राप्त कर लिया जाए।