अमेरिका ने म्यांमार सैन्य बलों के कमांडर-इन-चीफ तथा तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या के सदस्यों की गैर-न्यायिक हत्या करने के कारण प्रतिबंध लगा दिया है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विशेष आयोग की पिछले साल रिपोर्ट आई थी जिसमें सैनिकों और आतंकवादी संगठनों द्वारा रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई को मानवता के खिलाफ हमला कहा था। उस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में अमेरिका ने पहली बार इतने कठोर प्रतिबंध लगाए हैं।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “इस घोषणा के साथ, अमेरिका बर्मा की सेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के संदर्भ में सार्वजनिक रूप से कार्रवाई करने वाला पहला देश बन गया है।”
@erinasiafp quoted in piece on new US sanctions on #Myanmar. State Dept issues travel ban on generals and family; does not include financial sanctions such as addition to #SDN list: US bans Myanmar army chief over Rohingya 'ethnic cleansing' https://t.co/1qyNI0iIuJ
— Inle Advisory Group (@inleadvisory) July 16, 2019
उन्होंने कहा, “हमने इन लोगों को मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन के साथ-साथ उत्तरी रखाइन प्रांत में रोहिंग्याओं की हत्या में इनकी संलिप्तता की विश्वस्त सूचना के आधार पर नामित किया है।”
ये प्रतिबंध जनरल मिन ओंग हेंग (राष्ट्रीय सेना के कमांडर इन चीफ) और उनके बाद सर्वोच्च नेता सू विन के साथ-साथ 33वीं लाइट इनफेंटरी डिवीजन के ब्रिगेडियर जनरल औंग औंग और 99वीं इनफेंटरी डिवीजन में उनके समकक्ष थान ओ पर लगाए गए हैं।
प्रतिबंध के बारे में बताते हुए पोंपियो ने कहा कि इन सभी और इनके परिवारों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध का हालांकि इन पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा।