माइक पोम्पियो से मुलाक़ात में ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने कहा है कि लंदन ईरानी व्यवस्था में परिवर्तन का इच्छुक नहीं है।अमेरिका के विदेशमंत्री ने तेहरान विरोधी अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों को जारी रखते हुए बल देकर कहा है कि ईरानी सरकार के व्यवहार में परिवर्तन तक तेहरान के खिलाफ दबावों को जारी रखेंगे।
समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट के अनुसार माइक पोम्पियो ने गुरूवार को अपने ब्रितानी समकक्ष से मुलाकात में एक बार फिर ईरान के खिलाफ निराधार दावों को दोहराया और तेहरान को विश्व में सबसे बड़ा आतंकवाद का समर्थक बताया।
साथ ही उन्होंने कहा कि तेहरान के खिलाफ उस वक्त तक दबाव जारी रहेंगे जब तक उसका व्यवहार परिवर्तित नहीं हो जाता। इसी प्रकार अमेरिका के विदेशमंत्री ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह, सीरिया और विश्व के हर क्षेत्र यहां तक कि दक्षिणी अमेरिका में भी ईरान के समर्थन के बंद किये जाने की मांग की।
इस मुलाकात में ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने भी परमाणु समझौते से ग़ैर कानूनी रूप से अमेरिका के निकलने की ओर कोई संकेत किये बिना ईरान से इस समझौते में लौट आने का आह्वान किया है। ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने कहा कि लंदन ईरानी व्यवस्था में परिवर्तन का इच्छुक नहीं है।
रोचक बात है कि ब्रिटेन परमाणु समझौते का एक सदस्य देश है और उसने परमाणु समझौते में अपने किसी भी वचन पर अमल नहीं किया है और अब वह तेहरान का आह्वान कर रहा है कि वह अपने वचनों के प्रति कटिबद्ध रहे जबकि परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी बारमबार इस बात की पुष्टि कर चुकी है कि ईरान ने परमाणु समझौते में पूरी तरह अपने वचनों का पालन किया है और वह अब भी इस समझौते के प्रति कटिबद्ध है।