लखनऊ। तुरुप का पत्ता होने का बार बार इशारा देते आये मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आखिरकार रविवार को तुरुप का पत्ता चल दिया। उन्होंने अपने आवास पर मंत्री, विधायक तथा विधान परिषद के सदस्यों की बैठक में शिवपाल सिंह यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। शिवपाल के साथ ही चार अन्य मंत्रियों को भी अपनी कैबिनेट से बाहर कर दिया। बैठक में उन्होंने साफ कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ हैं वो हटाए जाएंगे। इसी क्रम में सबसे पहली कड़ी के तौर पर कड़ा फैसला सुनाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल को बर्खास्त किया । akhilesh yadav
दूसरे बर्खास्त मंत्रियों में पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह, खादी मंत्री नारद राय को अमर सिंह का करीबी व मंत्री शादाब फातिमा को शिवपाल का करीबी माना जाता है। देर शाम मुलायम सिंह यादव ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलायी जिसमें बर्खास्त मंत्रियों के साथ साथ शिवपाल यादव के पुत्र आदित्य यादव भी शामिल रहे। akhilesh yadav
समाजवादी पार्टी में कुछ दिनों से ठंडा नज़र आ रहा घमासान अचानक शबाब पर पहुंच गया। अखिलेश यादव ने तरुप का पत्ता चलने के साथ ही बड़े विकेट गिरा दिए। मंत्रियों की बर्खास्तगी के साथ ही अमर सिंह की बेहद करीबी फिल्म अभिनेत्री से नेता बनीं जयाप्रदा को भी फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दे दिया कि अब अमर सिंह का कोई भी करीबी सरकार में नहीं रहेगा।
अखिलेश यादव ने विधायकों की बैठक में अमर सिंह के लिए कहा कि उन्होंने नेता जी (मुलायम सिंह यादव) को महारानी बाग बंगले से बाहर किया था। अमर ने पहले भी परिवार को तोड़ने की कोशिश की थी और अब जो हो रहा है वह अमर सिंह के कारण ही है। अखिलेश ने साफ कहा कि अमर का साथ देने वालों की मंत्रिंमंडल में जगह नहीं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भाजपा से मिलकर हमारें खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में मौजूद सभी मंत्री, विधायक व विधान परिषद सदस्यों ने उनके हर कदम पर साथ देने का भरोसा दिया। इसी के साथ बैठक समाप्त हो गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बेहद भावुक बयान दिया, उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) मेरे पिता है मैं हमेशा उनकी सेवा करूंगा।मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा पार्टी नहीं तोड़ेंगे, साथ रहेंगे, साजिश करने वालों पर एक्शन लिया। रथ चलेगा, कार्यक्रम में जाऊंगा। उन्होंने साफ कहा कि अमर सिंह का साथ देने वाले हर शख्स के खिलाफ तगड़ा एक्शन होगा। हम तो नेता जी के जन्मदिन के पहले उन्हें एक्सप्रेस वे का गिफ्ट देंगे। 21 नवंबर को आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का उदघाटन है। akhilesh yadav
विधायक दल की मीटिंग में प्रस्ताव पास। सीएम ने कहा नेता को जन्मदिन का गिफ्ट देंगे। मुख्यमंत्री के इस भावुक बयान के बाद कई नेता वहीं पर रोने भी लगे। अब शिवपाल सिंह यादव पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे हैं। सुबह की गुनगुनी ठंड के बीच में भी आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ सियासी ताप से काफी गरम है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर मंत्रियों के साथ विधायक तथा विधान परिषद के सदस्यों को बैठक के लिए बुलाया। उधर प्रदेश अध्यक्ष तथा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के आवास पर भी तमाम मंत्री व विधायक-विधान परिषद सदस्य जमा थे।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिन विधायकों की बैठक बुलाई, उनमें शिवपाल के समर्थक विधायकों को आने का न्यौता नहीं भेजा गया। सीएम अखिलेश यादव के पांच कालीदास मार्ग के आवास पर बैठक में किसी को भी मोबाइल फोन के साथ अंदर नहीं जाने दिया गया। सभी मंत्री, विधायक तथा विधान परिषद सदस्य के मोबाइल फोन गेट पर ही जमा करा लिए गए। अखिलेश यादव ने उन 16 विधायक व सात एमएलसी को निमंत्रण नही दिया जिनको कि शिवपाल यादव का समर्थक माना जाता है। इनमें नारद राय, अंबिका चौधरी, आशु मलिक शामिल थे।
उधर शिवपाल सिंह यादव के आवास पर भी दो मंत्री के साथ आठ विधायक तथा आधा दर्जन विधान परिषद सदस्य मौजूद थे। मंत्री ओम प्रकाश सिंह व नारद राय प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के आवास पर डटे थे।उधर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के आवास पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ ही रेवती रमण सिंह पहुंचे। माना जा रहा है कि यह दोनों वरिष्ठ नेता कल मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता का ब्यौरा पार्टी के मुखिया को देंगे।
इन दिनों अनुमान लगाया जा रहा था कि अखिलेश यादव अपनी एक नई पार्टी बनाएंगे। इसे सपा हाई कमान को संदेश देने के मकसद के तौर पर देखा जा रहा था। यहां तक कहा गया कि अखिलेश अपनी नई पार्टी के लिए मोटरसाइकिल चुनावा चिन्ह की मांग कर सकते हैं। हालांकि आज उनके आवास पर हुई मीटिंग में इस पर विराम लग गया। सपा में अखिलेश के समर्थकों ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि कोई नहीं पार्टी नहीं बनेगी। वे अभी भी नेताजी के साथ बने रहेंगे। जबकि पार्टी को कमजोर करने वाले खासकर अमर सिंह व उनके करीबियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। akhilesh yadav
दिनभर के इस घटनाक्रम के बीच देर शाम मुलायम सिंह यादव के आवास पर बैठक बुलायी गयी। बैठक में आशु मलिक, गायत्री प्रजापति, ओम प्रकाश, शादाब फातिमा, आदित्य यादव के अलावा कई बड़े नेता शामिल रहे। जिनसे मुलायम सिंह यादव ने गंभीरता के साथ बात करते हुये हालात का हल निकालने को लेकर चर्चा की।
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