इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मंगलवार को भविष्यवाणी की कि कोविद -19 संकट के कारण विश्व स्तर पर कुछ 2.5 करोड़ नौकरियों को एयरलाइन बंद होने का खतरा है।
खबर के अनुसार, आईएटीए के एक नए विश्लेषण से पता चलता है कि COVID -19 संकट के बीच हवाई यात्रा की मांग के साथ कुछ 25 मिलियन नौकरियों के गायब होने का खतरा है।
आईएटीए ने एक बयान में कहा, “विश्व स्तर पर, कुछ 65.5 मिलियन लोगों की आजीविका विमानन उद्योग पर निर्भर है, जिसमें यात्रा और पर्यटन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।”
कोरोना वायरस ने एयरलाइन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस वजह से देश के निजी एयरपोर्ट संचालकों के साथ काम करने वाले 2.5 करोड़ कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है.
मौजूदा समय में हवाईअड्डे साइटों पर काम कर रहे करीब 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में हैं, जिसमें हवाईअड्डे संचालन के कर्मचारी भी शामिल हैं.
छंटनी के प्रभाव को पूरे विश्व में महसूस किया जाएगा , मौजूदा समय में पुरे विश्व लॉकडाउन की समयसीमा के कारण किसी भी प्रकार की घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय उड़ान की इजाजत नहीं है. केवल कार्गो संचालन की इजाजत दी गई है, जिससे इन विमान की कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है.
इन विमान की कंपनियों की न केवल आय कम हुई है बल्कि इनके ऊपर संबंधित हवाईअड्डे से जुड़े कई प्रबंधन सौदों के राजस्व को चुकाने का भारी दबाव है.
एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेर्ट्स के महासचिव सत्यन नायर ने कहा, “हमने सरकार से निजी हवाईअड्डा संचालकों के लिए कुछ राहत के उपाय करने का अनुरोध किया है, जो कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हवाई अड्डों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को सीधे कम करेगा.”
उन्होंने कहा, “राहत के उपायों के अभाव में, यह केवल कुछ दिनों का मामला होगा. न कि महीनों का क्योंकि संचालकों को लागत बनाए रखने के लिए भारी कटौती की ओर बढ़ना पड़ सकता है. अभी राहत दिए जाने की जरूरत है.”