बहामास : तटीय अगुआना की छिपकलियां पर्यटकों की वजह से डायबिटिक होती जा रही हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पर्यटक उन्हें रोजाना जरूरत से ज्यादा अंगूर खिला रहे हैं, जिससे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
बहामास के द्वीपों पर भारी अगुआना छिपकली आम हैं। पर्यटक उन्हें कड़ी सुरक्षा के माहौल में देखने आते हैं। पर्यटकों ने उन्हें अंगूर खिलाना शुरू कर दिया क्योंकि पहले वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया था कि इन छिपकलियों को रोटी की जगह अंगूर खिलाना चाहिए।
विशेषज्ञों ने अंगूर खिलाने के लिए सावधानियां भी बताई हैं, यानी उन्हें लकड़ी पर अंगूर लगाकर खिलाना चाहिए, नहीं तो कुछ रेत उनके मुंह में जा सकती है।
शोध से पता चला है कि पर्यटक-सुलभ छिपकलियों के रक्त में दूर की छिपकलियों की तुलना में उनके रक्त में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है। इसके अलावा, इको-टूरिज्म ने इन गूंगी छिपकलियों को तनाव और दबाव में ला दिया है, जो उनके अस्तित्व के लिए खतरनाक हो सकता है।
फिर आगंतुकों ने इन जानवरों को खूब अंगूर खिलाया, जिससे कई छिपकलियों में ग्लूकोज का स्तर बढ़ गया। गौरतलब है कि इस दुर्लभ जानवर को पहले ही इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में शामिल किया जा चुका है। अब पर्यटकों का अस्वास्थ्यकर व्यवहार उनके अस्तित्व को और खतरे में डाल सकता है।
उत्तरी बहामास में छिपकलियों पर किए गए शोध से पता चला है कि पर्यटक-सुलभ छिपकलियों के रक्त में दूर की छिपकलियों की तुलना में उनके रक्त में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है। इसके अलावा, इको-टूरिज्म ने इन गूंगी छिपकलियों को तनाव और दबाव में ला दिया है, जो उनके अस्तित्व के लिए खतरनाक हो सकता है। पर्यटक यदि कूड़ा-करकट बिखेर भी देते हैं तो उनके पेट में घुस जाते हैं और अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ छिपकलियां रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता खो चुकी हैं या पूरी तरह से खो चुकी हैं। हालांकि, अगला अध्ययन उनके शारीरिक प्रभावों को देखेगा।