प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति वोलोदिमिर जलेंस्की से मुलाक़ात करेंगे। पिछले तीन दशकों में ऐसा पहली बार है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा।
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन यात्रा पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ सप्ताह पहले रूस के दौरे पर गए थे। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला रूस दौरा था।
इस सफर की जानकारी विदेश मंत्री ने सोमवार को दी। राष्ट्रपति जेलेंस्की के दफ्तर ने भी इस यात्रा की पुष्टि की है। मंत्रालय के एक बयान में इसे ऐतिहासिक यात्रा कहा गया है जो मौजूदा संबंधों और संपर्कों को आगे बढ़ाने में मददगार होगी।
युद्ध के मामले में मंत्रालय ने भारत का स्पष्ट नजरिया प्रस्तुत करते हुए कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि संवाद और बातचीत का समय है।
प्रधानमंत्री मोदी के दो दिवसीय पोलैंड दौरे के बाद वह यूक्रेन के लिए रवाना होंगे। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
भारत का कहना है कि यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच लगातार संपर्कों पर आधारित है साथ ही भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ ठोस और आज़ाद रिश्ते हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली यात्रा यूक्रेन में हाल की उच्च-स्तरीय बैठकों पर आधारित है। मंत्रालय ने इटली में जून में जी7 समिट के दौरान मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक का भी हवाला दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा और पुतिन से मुलाक़ात को पश्चिम के मीडिया ने बड़ी आलोचनात्मक नज़र से देखा था। खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पुतिन और मोदी के गले मिलने को नापसंद किया था।
इस पर ऐतराज़ जताते हुए ज़ेलेंस्की कहा था कि- ‘आज रूस के मिसाइल हमले में 37 लोग मारे गए, इसमें तीन बच्चे भी शामिल थे। रूस ने यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर हमला किया। एक ऐसे दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का दुनिया के सबसे ख़ूनी अपराधी से मॉस्को में गले लगाना शांति स्थापित करने की कोशिशों के लिए बड़ी निराशा की बात है।’