ईद और बकरीद के त्योहार में एक बड़ा अंतर यह भी होता है कि ईद की त्योहार जहां चांद दिखने के अगले ही दिन मनाया जाता है, जबकि बकरीद चांद दिखने के दस दिन बाद.
रमजान और ईद उल फ़ितर (ईद) के बाद अब ईद उल अजहा (बकरीद) को लेकर भी भारतीय मुस्लमानों में असमंजस देखा जा रहा है. दरअसल मरकजी चांद कमेटी, शिया चांद कमेटी और इदारे-ए-शरिया ने रविवार देर रात जिल्हिज (बकरीद) का चांद दिखने की पुष्टि की है और इस तरह 22 अगस्त को बकरीद मनाने का ऐलान किया. हालांकि जामा मस्जिद की तरफ से इशा (देर शाम) की नमाज के बाद बयान जारी कर ऐलान कर दिया गया था कि रविवार को देश में कही भी चांद नहीं दिखने के कारण इस साल बकरीद 23 अगस्त को मनाई जाएगी.
जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी की तरफ से ट्वीट कर भी कहा गया, ‘इंशा अल्लाह, इस साल ईद उल अजहा गुरुवार 23 अगस्त 2018 को मनाई जाएगी.’
हालांकि वहीं दूसरी तरफ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने देर रात ऐलान किया कि ईद उल अजहा का त्योहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि देर शाम तक चांद दिखने की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन देर रात कई जगह से चांद की खबर आ गई.
बता दें कि ईद और बकरीद के त्योहार में एक बड़ा अंतर यह भी होता है कि ईद की त्योहार जहां चांद दिखने के अगले ही दिन मनाया जाता है, जबकि बकरीद चांद दिखने के दस दिन बाद. ऐसे में लोग को यकीन है कि जल्द ही यह विवाद खत्म हो जाएगा और देश भर के सारे मुसलमान एक ही दिन मिलकर बकरीद मनाएंगे.