उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हालात साधने के लिए अब भाजपा अपनी रणनीति में बदलाव करने की सोच रही है। बीजेपी अपने मौजूदा विधायकों की संख्या को सीमित करने पर विचार कर रही है। योगी कैबिनेट के तीन मंत्रियों सहित कुछ विधायकों के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अब इस पर विचार ज़रूरी लग रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, मुकेश वर्मा और बृजेश कुमार प्रजापति ने भाजपा छोड़ने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी में शिरकत की है। कई विधायकों के पार्टी छोड़ने से जनता में योगी सरकार को लेकर नकारात्मक संदेश जाने की आशंका है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस बार करीब 30% मौजूदा विधायकों के टिकट नहीं देने की बात थी लेकिन पार्टी ने अब अपना मन बदल लिया है। पार्टी आलाकमान अब केवल 10-15% मौजूदा विधायकों को ही टिकट देने से इनकार कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक़ भाजपा उन मौजूदा विधायकों के टिकट के काट रही है, जिनके खिलाफ स्थानीय लोगों की नाराजगी है। स्थानीय स्तर पर लोगों का गुस्सा सरकार के प्रति कम अपने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ ज्यादा है। भाजपा आलाकमान ने भी इस बात को गंभीरता से लिया है।