लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल दिखाने आये लड़की के साथ होने वाले हादसे ने महिला अपराध की तरफ एक बार फिर से ध्यान खींचा है। प्रदेश की राजधानी में पीसीएस अधिकारी की बेटी के साथ हुई घटना जहाँ एक तरफ कमज़ोर कानून व्यवस्था को उजागर कर रही है वहीँ अपराधियों की नकेल कसने वाले प्रशासन पर भी ऊँगली उठ रही है।
इसी क्रम में जारी एनसीआरबी के आंकड़े भी 2022 में महिला अपराध के मामले में प्रदेश को सूची में सबसे ऊपर दिखा रहा है। ये संख्या पिछले दो सालों की तुलना में सबसे अधिक हैं।
आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 में 49385 महिला अपराध के मामले दर्ज किये गए थे। साल 2021 में ये बढ़कर 56083 हुए और साल 2022 के आंकड़ों के अनुसार 65743 घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं।
उत्तर प्रदेश फिर शर्मसार! राजधानी लखनऊ में PCS अधिकारी की बेटी से चलती कार में गैंगरेप, तीन आरोपी गिफ्तार।#UttarPradesh https://t.co/K7N0cFn7XT
— Navjivan (@navjivanindia) December 12, 2023
महिलाओं सुरक्षा पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के बड़े बड़े दावों के बावजूद भी महिला अपराध के मामलों में प्रदेश में कोई कमी नही नज़र आ रही है। उत्तर प्रदेश ने इन मामलों में बिहार और महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ दिया है और ऐसा तब है जब सरकार महिला सुरक्षा को लेकर कड़े कानून की बात करती है।
यूपी महिलाओं के साथ अपराध में पहले स्थान पर: NCRB pic.twitter.com/Z6XMIJeIYq
— Lallanpost (@Lallanpost) December 12, 2023
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इस साल महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा अपराधिक घटनाएं हुईं। ऐसा तब हुआ है जब चार वर्ष से यूपी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान चला रही है। जिसके तहत थानों में महिला हेल्प डेस्क खोली गई है। इसके अलावा सुनवाई के लिए निजी केबिन व्यवस्था भी की गई है।
सरकार द्वारा महिला विवेचक और महिला सिपाहियों की विशेष नियुक्ति भी की गई है। इसके अंतरगत प्रदेश में महिलाओं के साथ ब्लैकमेलिंग सहित दहेज हत्या, नाबालिग और बच्चियों से दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, वीडियो वायरल, महिलाओं से साइबर अपराध जैसे मामलों के लिए ये व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश दहेज़ हत्या के मामले में भी पहले नंबर पर है, जबकि दूसरे नंबर पर बिहार राज्य है। उत्तर प्रदेश में दहेज के लिए 2138 महिलाओं की हत्या की गई है वहीं मध्यप्रदेश में ये संख्या 518, राजस्थान में 451 तथा दिल्ली में 131 है।