भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने ओलंपिक ऑर्डर अवार्ड से सम्मानित किया है। बिंद्रा को यह सम्मान ओलंपिक खेलों में उनके बेहतरीन योगदान के लिए दिया गया है। ओलंपिक ऑर्डर आईओसी की तरफ से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
अभिनव बिंद्रा को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के 142वें सत्र में सम्मानित किया गया है। पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा दूसरी भारतीय हस्ती हैं, जिन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाज़ा गया है।
इससे पहले देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 1983 में ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जा चुका है।
ओलंपिक ऑर्डर आईओसी की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है, यह पुरस्कार ओलंपिक आंदोलन में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की तरफ से अभिनव बिंद्रा को मिलने वाला ओलंपिक ऑर्डर अवार्ड, ओलंपिक अभियान में उनकी आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन के लिए दिया गया है।
गौरतलब है कि अभिनव बिंद्रा ने 2008 में भारत के लिए निशानेबाजी की व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल किया था। अभिनव बिंद्रा शूटिंग से संन्यास लेने के बाद भी युवा खिलाड़ियों को तराशने में निरंतर सहयोग दे रहे हैं। उनके प्रयासों को देखते हुए आईओसी ने अभिनव बिंद्रा को पेरिस ओलंपिक में ओलंपिक ऑर्डर सम्मान से नवाज़ा है।
41 वर्षीय अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक, 2008 बीजिंग खेलों में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में जीता था। बिंद्रा 2010 से 2020 तक अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) की एथलीट समिति के सदस्य रहे। बिंद्रा 2014 से इसके अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। इसके अलावा वह 2018 से आईओसी एथलीट आयोग के सदस्य हैं।
इस सम्मान का अधिकारी वह व्यक्ति होता है जो अपने कामों से ओलंपिक आदर्श को दर्शाये या फिर जिसने खेल जगत में उल्लेखनीय योग्यता हासिल की हो अथवा ओलंपिक के लिए अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि या खेल के विकास में अपने योगदान से बेहतरीन सेवाएं दी हों।
सम्मान के लिए नामांकन हेतु ओलंपिक ऑर्डर काउंसिल द्वारा नाम प्रस्तावित किए जाते हैं और कार्यकारी बोर्ड उन पर निर्णय लेता है।