समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। पंद्रह साल पुराने छजलैट मामले में सपा नेता आजम खां और उनके बेटे सपा विधायक अब्दुल्ला आजम पर तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना लगते हुए अदालत दो साल की सजा सुनाई है।
कोर्ट आदेश के साथ ही अब्दुल्लाह आज़म की विधायकी समाप्त हो गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की स्वार सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। इस प्रकरण में अन्य सात आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त करार दिया गया। इसे पूर्व रामपुर की अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद नगर सीट से आजम खां की विधायकी समाप्त हो चुकी है।
आजम खान के बाद अब्दुल्ला आजम की भी विधायकी गई
अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता हुई रद्द
विधान सभा सचिवालय ने अब्दुल्लाह आजम की सीट को रिक्त घोषित किया
15 साल पुराने मामले में हुई कार्रवाई #AbdullaAzam #AzamKhan pic.twitter.com/yqipbt1r00
— Kreately.in (@KreatelyMedia) February 15, 2023
छजलैट प्रकरण की शुरुआत 2 जनवरी 2008 में अस्तित्व में आई थी। उस समय पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान आजम खां की गाड़ी पुलिस ने रुकवा ली थी। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्लाह इसके विरोध में सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। घटना की सूचना मिलने पर आसपास के जनपदों से सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंच गए थे। आरोप है कि आम जनता को उकसाने और सड़क जाम करते हुए बवाल से सरकारी कार्य में बाधा पहुंची थी।
इस मामले में रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां, सहित उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया गया था।
इस मामले की सुनवाई मुरादाबाद की एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट स्मृति गोस्वामी की कोर्ट में वर्ष 2019 से की जा रही थी। मामले में जिन धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है वह इस प्रकार हैं –
आईपीसी की धारा 353 में दो साल का कारावास और दो हजार रुपये जुर्माना।
आईपीसी की धारा 341 में एक माह का कारावास और पांच सौ रुपये जुर्माना।
7 क्रिमिनल अमेंटमेंड एक्ट में 6 माह पांच सौ रुपये जुर्माना