नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने लाभ का पद धारण करने को लेकर अयोग्य ठहराए गए आप विधायकों की याचिका दो सदस्यीय पीठ के पास आज भेज दी।
न्यायमूर्ति विभु बाखरू की पीठ ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष कल मामले की सुनवाई निर्धारित की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल या तो नया पीठ गठित कर सकती हैं या इसे मौजूदा दो सदस्यीय पीठ को सौंप सकती हैं।
अदालत ने अपने 24 जनवरी के आदेश की अवधि बढ़ा दी। अदालत ने विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के बाद खाली हुई विधानसभा की 20 सीटों को भरने के लिये उपचुनाव के लिये चुनाव आयोग के अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी।
अदालत का निर्देश तब आया जब अधिवक्ता प्रशांत पटेल ने मामले को दो सदस्यीय पीठ को सौंपने के लिये आवेदन दिया। पटेल की ही याचिका पर चुनाव आयोग ने आप विधायकों को अयोग्य ठहराने की राष्ट्रपति को सिफारिश की थी। बाद में इस सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी थी। ये याचिकाएं आप के आठ विधायकों ने दायर की हैं, जिसमें लाभ का पद धारण करने के लिये पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी गई है।
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उच्च न्यायालय ने इससे पहले कार्यवाही से संबंधित समूचा रिकॉर्ड तलब किया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने 20 आप विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी और राष्ट्रपति ने उसे 20 जनवरी को मंजूरी दे दी थी।