नई दिल्ली। लाभ का पद मामले में आयोग्य ठहराये गये आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों ने राष्ट्रपति के द्वारा उनकी सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में आज नई याचिका दायर की।
दिल्ली उच्च न्यायालय याचिका पर कल सुनवाई करेगा। इससे पहले विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका कल वापस ले ली थी। विधायकों का कहना है कि चुनाव आयोग ने उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया।
गौरतलब है कि दिल्ली में आप की सरकार बनने के कुछ समय बाद 21 विधायकों को मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था। सरकार के इस फैसले को प्रशांत पटेल नाम के वकील ने चुनौती दी थी। मामला सामने आने के बाद सरकार ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर संसदीय सचिवों की नियुक्ति को उनकी नियुक्ति की तिथि से मंजूरी देने के लिए पास किया था।
इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति ने मंजूरी देने की बजाय इसे चुनाव आयोग को भेज दिया था। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के पास विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। रविवार को राष्ट्रपति ने आयोग की सिफारिश को मंजूरी दी थी।