वित्त वर्ष 2025 के लिए रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपए के सरप्लस ट्रांसफर की मंजूरी दी गई है। रिज़र्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार को 2.10 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर किया था।
ये अब तक का सबसे ज्यादा एनुअल सरप्लस ट्रांसफर है। पिछले साल की तुलना में इस बार की राशि 28 फीसद ज्यादा है।
भर्ती रिज़र्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 616वीं मीटिंग में इस सरप्लस की घोषणा की गई। यह भी बता दें कि रिज़र्व बैंक की ओर से दिया जाने वाला सरप्लस का यह ट्रांसफर वित्त वर्ष 25 के लिए है, लेकिन यह वित्त वर्ष 26 के लिए सरकार के अकाउंट में दिखाई देगा।
इस राशि से सरकार को अपना वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा नई योजनाओं पर पैसे खर्च करने में आसानी के साथ विनिवेश लक्ष्य चूक जाने के बाद रेवेन्यू कलेक्शन में आई कमी की भरपाई भी इस राशि से हो सकेगी।
ये ट्रांसफर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 (अलॉकेशन ऑफ सरप्लस प्रॉफिट) के अनुसार होता है। बताते चलें कि भारतीय रिज़र्व बैंक की आय और व्यय के बीच के अंतर को सरप्लस कहते हैं। आरबीआई रिजर्व के लिए प्रोविजन और रिटेन्ड आमदनी के बाद सरप्लस को सरकार को ट्रांसफर करता है।