अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीओए यानी वॉयस ऑफ अमरीका सहित सात संघीय एजेंसियों का आकार कम करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद वैश्विक मीडिया के लिए अमरीकी एजेंसी के कई कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है।
इस कार्यकारी आदेश का वॉयस ऑफ अमरीका सहित अन्य अमरीकी अंतर्राष्ट्रीय प्रसारकों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, जो 50 भाषाओं में समाचार प्रस्तुत करते हुए दुनिया भर में 354 मिलियन से अधिक श्रोताओं तक अपनी पहुंच बनाता है।
इसके अलावा अरबपति एलन मस्क की अध्यक्षता वाले सरकारी दक्षता विभाग ने उन संस्थाओं की पहचान की जिन्हें अनावश्यक माना गया। मस्क पहले ही अमरीकी ग्लोबल मीडिया एजेंसी पर ‘वामपंथी दुष्प्रचार’ फैलाने का आरोप लगा चुके हैं।
यह संगठन कांग्रेस द्वारा वित्त पोषित है और रेडियो फ्री यूरोप, रेडियो फ्री एशिया, मध्य पूर्व प्रसारण नेटवर्क और ओपन टेक्नोलॉजी फंड सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण नेटवर्क की देख-रेख करता है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव के अनुसार, ट्रंप प्रशासन अनावश्यक खर्च को खत्म करने की नीति पर चल रहा है और अमरीकी करदाताओं के पैसे से “अमरीका विरोधी प्रचार” को वित्त पोषित नहीं करने की बात कह रहा है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा नियुक्त वरिष्ठ सलाहकार कैरी लेक ने इस फैसले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कर्मचारियों से ईमेल चेक करने को कहा। उन्होंने USAGM को वाशिंगटन डीसी की सबसे भ्रष्ट एजेंसी बताया और कहा कि वह खर्चों में कटौती के लिए वॉयस ऑफ़ अमरीका की 15 साल की लीज रद्द करने की कोशिश करेंगी।
एजेंसी के कर्मचारियों को भेजे गए एक आधिकारिक ईमेल में, उन्हें अपने आईडी कार्ड, प्रेस पास और अन्य सरकारी संपत्ति वापस करने के साथ अगले आदेश तक कार्यालयों में प्रवेश न करने का निर्देश दिया गया है।
बताते चलें कि वॉयस ऑफ अमरीका की स्थापना 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी प्रोपेगंडा का मुकाबला करने के लिए की गई थी। उस समय अमरीका ने यूरोप में अपने प्रसारण शुरू किए थे, ताकि वहां के लोगों को निष्पक्ष और सटीक जानकारी दी जा सके। तब से वॉयस ऑफ अमरीका दुनिया भर में लोकतंत्र और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
वॉयस ऑफ अमरीका को वर्तमान में 32 करोड़ लोग देखते हैं। साथ ही यह अमेरिका की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।