भारतीय वैज्ञानिकों ने एवियन इन्फ्लुएंजा यानी यानी बर्ड फ्लू वायरस का टीका खोज लिया है। इस वायरस की मृत्यु दर इंसानों में सबसे अधिक है।
एवियन इन्फ्लूएंजा भारत में बेहद घातक रोगजनकों की सूची में शामिल है। इसमें म्यूटेशन होने पर कोरोना के सामान व्यक्ति से व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता है।
इस वायरस की मृत्यु दर इंसानों में सबसे अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, इसकी चपेट में आने वाले लोगों में से 50 फीसद से ज्यादा मौत के शिकार हुए हैं।
इस वायरस को केरल में दस दिन पुराने भ्रूणयुक्त मुर्गी के अंडे से जीवित पकड़ा गया। बाद में इसे महाराष्ट्र में निष्क्रिय किया गया और उसके बाद कर्नाटक की हाईटेक प्रयोगशाला में इसका परीक्षण किया गया। इसके बाद टीके की खोज की गई।
भारत के लिए यह इसलिए भी अहम है क्योंकि अत्यधिक घातक रोगजनकों की सूची में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) शामिल है जिसमें म्यूटेशन होने पर कोरोना की तरह व्यक्ति से व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता है।
अनुसंधान एवं विकास में सहयोग हेतु आईसीएमआर ने एच5एन1 संक्रमण से बचाव में कारगर टीके को बनाने के लिए संगठनों, कंपनियों और निर्माताओं से आवेदन आमंत्रित किए हैं।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में पहली जनवरी 2003 से लेकर 12 दिसंबर 2024 तक 24 देशों में इस वायरस से मानव संक्रमण के 954 केस दर्ज किए गए हैं। इन संक्रमित लोगों में 464 लोगों की जान गई है।
इस वायरस से भारत को भी बड़े पैमाने से स्वास्थ्य और आर्थिक नुकसान हुआ है। इससे इंसानों के साथ पशुओं को भी खतरा होता है। अनुमान के मुताबिक़, साल 2006 में भारत के पोल्ट्री उद्योग इस वायरस के चलते को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।