भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अपनी गेंदबाज़ी के दम पर कुछ ऐसा पा लिया है जो उन्हें पहला भारतीय होने का गौरव दिलाता है। बुमराह को आईसीसी टेस्ट क्रिकेटर ऑफ ईयर चयनित किए जाने के बाद सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार से नवाजा गया है।
बुमराह इस अवॉर्ड को पाने वाले भारत के पहले तेज गेंदबाज बने हैं। आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर यानी क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार किसी खिलाड़ी के द्वारा तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन पर दिया जाता है।
बताते चलें कि सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार के मुक़ाबले में जसप्रीत बुमराह के अलावा ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड, इंग्लैंड के जो रूट और हैरी ब्रूक भी शामिल थे। गौरतलब है कि आईसीसी मेंस क्रिकेटर ऑफ ईयर से पहले बुमराह को टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ टेस्ट प्लेयर भी चुना गया था।
इससे पहले राहुल द्रविड़ को वर्ष 2004 में जबकि सचिन तेंदुलकर को 2010 में, रविचंद्रन अश्विन को 2016 तथा विराट कोहली को साल 2017 और 2018 में यह सम्मान मिल चुका है।
जसप्रीत बुमराह को चयनित करते हुए आईसीसी ने बताया कि बुमराह के कौशल की झलक आईसीसी टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में मिलती है जिसमें उन्होंने 900 अंक का आंकड़ा पार किया और साल के आखिर में उनके नाम 907 अंक पाए जो रैंकिंग के इतिहास में किसी भी भारतीय गेंदबाज के लिए सर्वोच्च हैं।
आईसीसी ने पुरस्कारों के लिए वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पुरूष क्रिकेटर के सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार के लिए बुमराह के चुनाव की जानकारी देते हुए कहा कि साल 2024 में उन्होंने टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारूप में विरोधी टीमों पर दबाव बनाए रखा।
रिकॉर्ड की बात करें तो टेस्ट फॉर्मेट में बुमराह ने बीते वर्ष 71 विकेट लिये। टी20 फॉर्मेट में भी बुमराह ने अपने खेल का दबदबा बनाए रखा और टीम इंडिया को विश्व चैंपियन बनाने में सहयोग किया।