कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ स्नान के हवाले से भाजपा नेताओं से सवाल किया है। खड़गे ने कहा है- ‘गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म नहीं होगी।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरएसएस और भाजपा को देशद्रोही बताते हुए गरीबी, बेरोजगारी और संविधान की रक्षा पर सवाल उठाए। कांग्रेस प्रमुख का यह आरोप भी है कि बीजेपी और आरएसएस का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था।
महू में बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये लोग आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों के साथ खड़े थे और अब देश के मुद्दों को भटका रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा- ‘गंगा में डुबकी लगाने के लिए बीजेपी नेताओं में होड़ मची है। गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नहीं होगी। मैं किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता।’
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए बीजेपी-आरएसएस को एक बार फिर निशाने पर लिया और कहा- ‘वो कहते हैं ‘हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग मत ढूंढ़ो’ लेकिन लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाते रहते हैं।’
गरीबी और बेरोजगारी जैसे मूल मुद्दों पर ध्यान देने की बात करने वाले खड़गे ने बच्चों को स्कूल और मजदूरों को मजदूरी के बारे में भी अपनी बात कही।
खड़गे ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते, लेकिन उन्होंने आरएसएस और बीजेपी को “देशद्रोही” बताते इन पार्टियों पर संविधान को कमजोर करने के प्रयास करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस प्रमुख ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनका कहना था- “जब बाबा साहेब अकेले दलितों और वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ सकते थे, तो हम सब मिलकर क्यों नहीं लड़ सकते?”
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के हवाले से उनका कहना था कि यह लड़ाई कांग्रेस के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम संविधान की रक्षा करेंगे, तो बीजेपी की सरकार हिल जाएगी।
कांग्रेस प्रमुख खड़गे के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता संबित पात्रा ने कांग्रेस से इस बात पर सफाई मांगी है और कहा- “क्या खड़गे जी किसी और धर्म के बारे में ऐसा कह सकते हैं? उनका बयान सनातन धर्म के खिलाफ है और यह निंदनीय है।” पात्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सनातन को खत्म करने की बात करती है।