सहजन या सुहांजना का पेड़ अंग्रेजी में ‘मोरिंगा’ के नाम से जाना जाता है। अपने अनगिनत उपयोगों के कारण इसे दुनिया भर में एक करिश्माई पेड़ भी कहते हैं।
सुहांजना के पेड़ को ‘डॉक्टर ट्री’ भी कहा जाता है, विज्ञान ने इसकी उपयोगिता को मान्यता दी है। सहजन की पत्तियों से लेकर इसकी शाखाओं, फलियों और फूलों तक सबका इस्तेमाल किया जाता है।
यह किसी भी वातावरण में सामान्य पेड़ की तरह बढ़ता है, चाहे वह ठंडा हो या गर्म, जबकि इसकी ऊंचाई सामान्य पेड़ों से थोड़ी अधिक होती है। वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही यह पेड़ सफेद फूलों से सज जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मोरिंगा विटामिन और खनिजों से भरपूर पेड़ है, जिसकी 100 ग्राम पत्तियों में 99.1 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.3 मिलीग्राम आयरन, 35.1 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 70.8 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 471 मिलीग्राम पोटेशियम, 70 मिलीग्राम सोडियम और 50 मिलीग्राम आयरन होता है। 0.85 मिलीग्राम तांबा, जिंक पाया जाता है।
सहजन के पेड़ का हर हिस्सा औषधीय और खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल करी बनाने के लिए किया जाता है, जो गांवों में एक लोकप्रिय पारंपरिक डिश है। इसकी पत्तियों को उबालकर पानी पिया जाता है। इसका इस्तेमाल कॉफी बनाने में जबकि इसकी फली का उपयोग अचार में किया जाता है, इसकी पत्तियों को सुखाकर पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सहजन मानसिक तनाव से बचाता है
रिसर्च जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी एंड फार्माकोडायनामिक्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सहजन एक ‘एडेप्टोजेनिक’ जड़ी बूटी है, जिसके उपयोग से मानव शरीर हानिकारक पदार्थों से सुरक्षित रहता है, जिसके परिणामस्वरूप मानसिक तनाव में कमी आती है।
मधुमेह में उपयोगी
मोरिंगा में क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो इंसुलिन स्राव को संतुलित करने में मदद करता है। क्लोरोजेनिक एसिड खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकने में भी मदद करता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार
मोरिंगा में एंटीऑक्सीडेंट ‘क्वेरसेटिन’ पाया जाता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार, सुहांगना के सेवन से मानव शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी संतुलित रहता है, वहीं इसके नियमित सेवन से वजन भी कम होता है।
पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है
कैल्शियम की उच्च मात्रा के कारण, मोरिंगा के पत्तों के सेवन से पाचन तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार होता है, साथ ही फाइबर की भी अच्छी मात्रा मिलती है। आंतों और पेट के सभी रोगों में मोरिंगा उपयोगी है।
स्वस्थ त्वचा के लिए सुहांजना का उपयोग
अमरीकी कृषि विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सहजन की पत्तियों में विटामिन ए और ई पाया जाता है, जिसके कारण इसके सेवन से त्वचा साफ और चमकदार बनती है। यह बढ़ती उम्र के प्रभावों को भी कम करता है और झुर्रियों की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुँहासे बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं। इसकी पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाया जा सकता है जिसे त्वचा पर लगाने से कई फायदे होते हैं।