अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर अपना नियंत्रण दुबारा हासिल करने का प्रयास करते हुए कहा है कि इस नहर का उपयोग करने के लिए अत्यधिक पारगमन शुल्क वसूला जा रहा है।
अत्यधिक पारगमन शुल्क वसूलने का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने पनामा नहर पर अमरीकी नियंत्रण वापस लेने की धमकी दी है। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मोलिनो ने ट्रंप के बयान को सख्ती से खारिज करते हुए एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि पनामा की स्वतंत्रता और संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है।
ट्रंप ने एरिजोना में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह पनामा नहर को गलत हाथों में नहीं जाने देंगे। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर अमरीका के सख्त रुख का संकेत दिया है।
अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली पनामा नहर संयुक्त राज्य अमरीका के स्वामित्व में हुआ करती थी मगर 1999 की संधि में इसे पनामा में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह नहर विश्व व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है और इसका अत्यधिक आर्थिक और सामरिक महत्व है।
अपने भाषण में ट्रंपका कहना था- ”क्या कभी किसी ने पनामा नहर के बारे में सुना है? हमें हर जगह लूटा जा रहा है, और पनामा नहर कोई अपवाद नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि दशकों पहले पनामा नहर को सौंपते समय कुछ शर्तें रखी गई थीं जिन्हें लागू किया जाना चाहिए।
ट्रंप ने कहा कि पनामा नहर उसके लोगों को दी गई थी। इसमें कानूनी धाराएं हैं। यदि इन सिद्धांतों का पालन नहीं किया जाता है, तो हम मांग करेंगे कि नहर को संपूर्ण रूप से और बिना किसी शर्त के संयुक्त राज्य अमरीका को वापस कर दिया जाए।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें पनामा नहर के ऊपर अमरीकी झंडा लहराता हुआ नज़र आ रहा है, जिसके कैप्शन में लिखा है- ‘संयुक्त राज्य अमरीका नहर में आपका स्वागत है।’
पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मोलिनो ने ट्रंप के बयान को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि पनामा की स्वतंत्रता और संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि पनामा नहर के प्रबंधन पर कोई बाहरी प्रभाव नहीं है और हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना जारी रखेंगे।
राष्ट्रपति मोलिनो ने ट्रंप के बयान को गैरजिम्मेदाराना और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। ट्रंप के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नहर के उपयोग पर लगाया गया शुल्क पारदर्शी तरीके से निर्धारित किया गया है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानकों के अनुरूप है।
बताते चलें अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली पनामा नहर, शुरू में संयुक्त राज्य अमरीका के स्वामित्व में थी और 1999 की संधि में इसे पनामा में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह नहर विश्व व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है और इसका अत्यधिक आर्थिक और सामरिक महत्व है।
ट्रंप के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है। विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान अमरीकी कूटनीति में संभावित आक्रामक बदलाव का संकेत देता है।
विशेषज्ञों यह भी मान रहे हैं कि इस तरह की धमकियों से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है और संयुक्त राज्य अमरीका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है।
पनामा नहर पर संभावित संघर्ष का वैश्विक व्यापार पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।