पश्चिम बंगाल सरकार मेडिकल सुविधाओं को लेकर सक्रिय नजर आ रही है। कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में सेंट्रल रेफरल सिस्टम लागू किया है।
ममता बनर्जी सरकार ने कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेजों को एक केंद्रीय रेफरल सिस्टम से जोड़ा है। एक कॉलेज में डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर भी शुरू किया गया है। इस सिस्टम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल, जो इन मेडिकल कॉलेजों से जुड़े हैं, वे मरीजों के लिए बेड की मांग कर सकेंगे।
इन सक्रियताओं के तहत शुक्रवार को शहर के पांच मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय रेफरल सिस्टम शुरू हो गया है जबकि खबर है कि पूरी प्रक्रिया में कुछ दिन और लग जाएंगे।
इन पांच अस्पताल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अलावा कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, एसएसकेएम अस्पताल, एनआरएस मेडिकल कॉलेज, और नेशनल मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
अस्पतालों में केंद्रीय रेफरल सिस्टम लागू होने के बाद जिलों के अस्पताल शहर के मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को भेजने से पहले बेड की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
इतना ही नहीं एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थापित बेड रिक्ति मॉनिटर के ज़रिए लोग देख सकेंगे कि विभिन्न विभागों में कितने बेड खाली हैं और कितने भरे हैं।
बताते चलें कि आरजी कर कॉलेज में 9 अगस्त को महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता और हत्या के बाद पीड़िता को न्याय और सुरक्षा को लेकर डॉक्टरों की कई मांगों में एक मांग यह भी थी।
इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी से पता चला है कि इस प्रणाली को धीरे-धीरे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर के तहत आप डिस्प्ले बोर्ड पर अद्यतन आंकड़े देखे जा सकेंगे।
इस तरह से प्रत्येक विभाग में बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी सभी को मिल सकेगी। बताते चलें कि डायमंड हार्बर और दक्षिण 24 परगना के दो जिला अस्पतालों में भी इस केंद्रीय रेफरल प्रणाली को भी चालू किया गया है।