जापान में निचले सदन के चुनाव में कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर सकी।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान के हालिया चुनाव नतीजों को पिछले दशक का सबसे खराब नतीजा बताया जा रहा है।
जापान में सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी गठंबधन संसद में बहुमत से पीछे रही। शिंजो आबे की पार्टी एलडीपी को सिर्फ 191 सीटें मिली हैं और उसे 65 सीटों का नुकसान हुआ है। पिछले पंद्रह वर्षों में पार्टी का यह सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। एलडीपी और उसकी सहयोगी पार्टी कोमिटो को कुलमिलाकर 215 सीटें मिली हैं।
समय से पूर्व होने वाले यह चुनाव शिगेरु इशिबा ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले करवाए थे जिसमें सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के संसदीय गठबंधन को बहुमत नहीं मिल सका।
सत्तारूढ़ पार्टी के संसदीय गठबंधन ने 233 सीटों वाली सरकार बनाने के लिए आवश्यक 465 सीटों में से 215 सीटें जीतीं, जबकि विपक्ष को 148 सीटें मिलीं।
2009 के बाद पहली बार संसदीय बहुमत खोने के बावजूद, शिगेरु इशिबा ने प्रधान मंत्री पद पर बने रहने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है।
आश्चर्यजनक नतीजों के बाद अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने हमारे खिलाफ कड़ा फैसला दिया है जिसे हमें विनम्रतापूर्वक स्वीकार करना होगा।
जापानी मीडिया ने चुनाव से पहले रिपोर्ट दी थी कि अगर सत्तारूढ़ पार्टी अपना संसदीय बहुमत खो देती है तो शिगेरु इशिबा हार की ज़िम्मेदारी स्वीकार कर सकते हैं और पद छोड़ सकते हैं।
यदि ऐसा होता है, तो शिगेरु इशिबा जापान के सबसे कम समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री बन जायेंगे।
बताते चलें कि जापान के पूर्व प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद घोषणा की थी कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे, जिसके बाद सत्तारूढ़ दल ने शिगेरु इशिबा को चुना, जिन्होंने शपथ लेने से पहले नए चुनाव का एलान कर दिया।