सुप्रीम कोर्ट में आज कोलकाता रेप-मर्डर मामले की सुनवाई के बाद डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया है। बंगाल सरकार द्वारा हड़ताल के दौरान मरीजों की मौत संबंधी रिपोर्ट सौंपने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आग्रह किया है।
सुप्रीम कोर्ट में आज आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले पर सुनवाई हुई। मामले में सीबीआई द्वारा जांच पर तैयार स्टेटस रिपोर्ट पीठ को सौंप दी गई है।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता की इस घटना का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया है और कहा है कि कल शाम 5 बजे तक डॉक्टर अपने काम पर लौट आएं।
मामले की सुनवाई कर रहे जजों ने सीलबंद लिफाफे में प्राप्त रिपोर्ट की समीक्षा की। मुख्य न्यायाधीश ने ट्रेनी डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत के बारे में दर्ज किये गए वक्त पर सवाल उठाया। सवाल में सीजेआई ने पूछा कि प्रिंसिपल का घर कॉलेज से कितनी दूर है।
जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज से प्रिंसिपल के घर की दूरी 15-20 की मिनट की है। इसपर सुप्रीम कोर्ट का सवाल था कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की फुटेज सीबीआई को सौंपी गई है?
इस सवाल के जवाब में एसजी मेहता ने कहा कि कुल 27 मिनट की अवधि वाली 4 क्लिप हैं। आगे उन्होंने कहा कि सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला को भेजने का फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया है और कहा है कि कल शाम 5 बजे तक डॉक्टर अपने काम पर लौट आएं।
सीजेआई ने हड़ताली डॉक्टरों को यह आश्वासन भी दिया है कि काम पर लौटने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत द्वारा पहले चेतावनी दी गई थी कि अगर ड्यूटी से लगातार गैरहाज़िरी की दशा में डाक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा संबंधी इंतिज़ाम किये जाने तथा पुरुषों और महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। आगे उन्होंने बताया कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे तब 23 लोगों की मौत की खबर है।