पृथ्वी की सतह पर वायुमंडल का औसत तापमान रविवार 21 जुलाई को 62.67 फॉरेनहाइट पहुंच गया, जो साल 1940 के बाद से सबसे ज्यादा है।
यूरोपीय संघ की ग्लोबल न्यूज़ एजेंसी की जलवायु परिवर्तन सेवा के मुताबिक़ वैश्विक औसत हवा का तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछली जुलाई की तुलना में अधिक है
यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने रॉयटर्स को बताया कि औसत दैनिक तापमान का 84 साल पुराना रिकॉर्ड रविवार, 21 जुलाई को टूट गया।
लंदन: यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म दिन 21 जुलाई को बीता है।
गौरतलब है कि पिछले साल भी जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार 3 जुलाई से 6 जुलाई तक रिकॉर्ड तापमान देखने को मिला था, लेकिन इस साल यह रिकॉर्ड भी टूट गया।
मौसम विज्ञानियों ने आशंका जताई है कि 2024 शुरुआत से ही यह साल, 2023 के सबसे गर्म साल के रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर अग्रसर दिख रहा है।
गौरतलब है कि इस साल गर्म मौसम ने संयुक्त राज्य अमरीका और अन्य ठंडे देशों को झुलसा दिया है। इसके साथ ही दुनिया भर में हीटवेव से होने वाली मौतों में भी वृद्धि हुई है।
कॉपरनिकस सेवा के निदेशक कार्लो बुआनटेम्पो का कहना है कि मुमकिन है कि इस सप्ताह रविवार का रिकॉर्ड भी टूट जाए, क्योंकि दुनिया भर में गर्मी का कहर जारी है।’
यादरहे कि पिछले साल 3 से 6 जुलाई के दौरान लगातार चार दिनों तक गर्मी का रिकॉर्ड टूटा था। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवाश्व ईंधन के जलने से हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते उत्तरी गोलार्द्ध में अत्यधिक गर्मी पैदा की थी।