पार्किंसंस रोग (Parkinson’s disease) एक मस्तिष्क विकार है जो अनैच्छिक या अनियंत्रित गतिविधियों जैसे शरीर कांपना, कठोरता, संतुलन और समन्वय समस्याओंकी वजह से होता है। इसके लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होते हैं और समय के साथ बढ़ते जाते हैं।
इससे बचाव के लिए संतुलित आहार का बेहद अहम भूमिका निभाता है। एक बेहतर डाइट स्वास्थ्य सुधार में सहायक होती है और बीमारी के लक्षणों से निपटने की क्षमता बढ़ाती है।
हालाँकि लक्षणों के धीरे-धीरे बिगड़ने से निपटने के लिए आहार के साथ-साथ व्यायाम भी महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, ट्रेडमिल प्रशिक्षण के अध्ययन से पता चला है कि नियमित रूप से चलने का व्यायाम सामान्य चलने की गति को बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में दो कदमों के बीच की दूरी भी बढ़ जाती है, जो पार्किंसंस रोग की रोकथाम में मददगार बनती है।
अन्य रोगियों को अपना संतुलन खोने और चीजें फिसलने या गिरने का अनुभव होता है, और फिर डर लगता है। अंततः यह स्थिति अत्यधिक सावधानी और भय की ओर ले जाती है। रोज़मर्रा की गतिविधियाँ जैसे कि बर्तन धोना, कपड़े मोड़ना, बागवानी करना, खरीदारी करना, या ऐसी कोई भी चीज़ जो आपको हिलाने और आपके शरीर के अंगों को काम करने में मदद करती है, इन लक्षणों को हावी होने से रोकती हैं।
ऐसे व्यायामअपनाएं जो आपकी हृदय गति को सामान्य गति पर रखते हैं साथ ही मस्तिष्क को न्यूरोप्लास्टी बनाए रखने में भी मदद करते हैं।
न्यूरोप्लास्टिकिटी मस्तिष्क की पुराने कनेक्शनों को बनाए रखने और न्यूरॉन्स के बीच नए कनेक्शन बनाने की क्षमता है। लक्षणों की धीरे-धीरे बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए आहार के साथ-साथ व्यायाम भी महत्वपूर्ण है।